नई दिल्ली: भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा है कि अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देता है, वे उसे स्वीकार करेंगे। किन्तु अयोध्या में राम जन्मभूमि के अलावा और कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। भाजपा नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब शीर्ष अदालत अयोध्या मामले पर 16 तारीख से पहले अपना निर्णय सुना सकता है।
मामले की संवेदनशीलता के मद्देनज़र आरएसएस और भाजपा नेता मुस्लिम नेताओं के साथ मिलकर समाज में शांति रखने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने अयोध्या में शांति बरक़रार रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है। विनय कटियार ने आगे कहा कि राम मंदिर का मुद्दा अब तक़रीबन सुलझ गया लगता है। इसके बाद अब वे काशी और मथुरा में बने मंदिरों के आसपास बने 'अवरोध' को हटाने के लिए मुहीम शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए वे जल्दी ही 'धर्म स्थान मुक्ति यज्ञ समिति' की मीटिंग बुलाएंगे, जिसमे आगे की रणनीति पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि यह वही समिति है, जिसकी 1984 में हुई एक मीटिंग के बाद राम मंदिर आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया गया था। इस बैठक में बाला साहब देवरस, स्वामी परमहंस दास, दाउ दयाल खन्ना, महेश नारायण सिंह, अशोक सिंघल और स्वयं विनय कटियार मौजूद थे।
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