हिंदू कैलेंडर के मुताबिक विनायक चतुर्थी का त्योहार महीने में दो बार आता है। जी दरअसल अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। ऐसे में आज यानी 29 सितंबर 2022 को अश्विन मास की विनायक चतुर्थी है। जी हाँ और आज विनायक चतुर्थी के साथ ही नवरात्रि का चौथा दिन भी है। आप सभी को बता दें कि नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। जी दरअसल विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की खास पूजा अर्चना की जाती है। आपको बता दें कि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। जी हाँ और इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से भगवान गणेश का खास आशीर्वाद प्राप्त होता है। अब हम आपको बताने जा रहे हैं विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त-
आश्विन, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ - सितम्बर 29, सुबह 01 बजकर 27 मिनट से
समाप्त - सितम्बर 30, सुबह 12 बजकर 08 मिनट तक
विनायक चतुर्थी शुभ योग- विनायक चतुर्थी पर इस बार ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 53 मिनट से सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। जी दरअसल अभिजीत मुहूर्त शाम 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग सितम्बर 30, सुबह 05 बजकर 13 मिनट से सितम्बर 30, सुबह 06 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। रवि योग सितम्बर 30, सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 05 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
गणेश चतुर्थी की पूजन विधि- आज के दिन सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। अब भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रूप में लेकर जाएं। उन्हें गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पण करें तथा ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें और धूप दीप अर्पण करें। इसके बाद दोपहर के वक्त गणेश पूजन के समय घर में अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। अब संकल्प के बाद पूजन कर श्री गणेश की आरती करें और मोदक बच्चों के बाट दें। ऐसा करने से भगवान गणपति की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।
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