नई दिल्ली/श्रीनगर : हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी का एनकाउंटर हुआ था। अब इस मामले में कश्मीर में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। दरअसल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकसभा में यह कहा गया कि सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रही है। दूसरी ओर जम्मू - कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी पीपुल्स डेमोके्रटिक पार्टी के सांसद मुजफ्फर बेग द्वारा एनकाउंटर का विरोध किया गया। इस मामले में उन्होंने कई तरह के सवाल किए और सुरक्षा बलों को आड़े हाथ लिया।
उन्होंने यह पूछा कि बुरहान सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था तो फिर उसे पकड़ा क्यों नहीं गया। आखिर उसे मारना इतना आवश्यक था क्या। इस मामले में लगभग 48 लोगों की मृत्यु हो गई है। गौरतलब है कि बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में गतिरोध गहरा गया है। जहां बुरहान के समर्थन में कुछ लोग विरोध कर रहे हैं वहीं हिंसा की गतिविधियां भी बढ़ रही हैं। विशेषकर अलगाववादी नेताओं द्वारा सरकार के लिए मुश्किल की जा रही है।
अगलाववादी घाटी में बुधवार को भी काला दिवस मनाते रहे। इस दौरान क्षेत्र में कफ्र्यू भी बना रहा। इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि देश को कश्मीर का विलय करने के एवज में कीमत चुकानी पड़ रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेता राम माधव द्वारा कहा गया कि अब इस मामले में केंद्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही है। उनके द्वारा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी चर्चा की जाएगी।
दूसरी ओर अलगाववादी नेताओं ने गिलानी, मीरवाईज, उमर, फारूक, मोहम्मद यासीन मलिक ने 22 जुलाई तक हड़ताल किए जाने की बात कही है। उनके नेतृत्व में घाटी में जबरदस्त विरोध हो रहा है। दूसरी ओर नेशनल काॅन्फ्रेंस ने सर्वदलीय बैठक का विरोध किया है जो कि 21 जुलाई को बुलाई गई है।