लखनऊ: पिछले कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध हुई हिंसात्मक घटनाओं में पुलिस-प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद हालात काफी हद तक काबू हो गए हैं. शासन ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है. इस बीच कानपुर में एक और घायल ने दम तोड़ दिया. अब तक मरने वालों की संख्या 19 हो चुकी है. एहतियातन रविवार को भी कई जिलों में इंटरनेट सेवा बाधित रही. पुलिस ने उपद्रवियों की तलाश की मुहिम और तेज कर दी है. जिलों में नामजद आरोपियों की चुन-चुनकर गिरफ्तारी हो रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि सीएए के विरोध में पिछले तीन दिनों से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रहीं आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस पर फायरिंग की घटनाएं रविवार को थम गईं. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक इन घटनाओं में कुल 164 मुकदमे दर्ज कर 879 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 5312 लोगों को हिरासत में लेकर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है. पुलिस के मुताबिक, हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं में 288 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं, जिनमें 61 पुलिस कर्मी फायर आर्म्स से घायल हुए. घटनास्थलों से 647 कारतूस के खोखे, 69 जिंदा कारतूस और 35 अवैध तमंचे बरामद किए गए.
वहीं इस बीच बीते रविवार यानी 22 दिसंबर 2019 को कानपुर में बवाल के दौरान गोली लगने से घायल युवक रईस की मौत हो गई है. यहां मरने वालों की संख्या तीन हो चुकी है. वहां गिरफ्तार किए गए सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी और पूर्व विधायक कमलेश दिवाकर को शनिवार देर रात जमानत पर छोड़ दिया गया. प्रदेश में हालात बिगड़ने के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगाहें जमा रखी हैं. शासन के मुताबिक आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट करने के मामले में 76 मुकदमे दर्ज कर 108 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कुल 15344 पोस्टों को संज्ञान में लेकर उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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