विशाखापट्टणम : विशाखापट्टणम कलेक्टर विनय चंद ने हाल ही में हिंदुस्तान शिपयार्ड में क्रेन दुर्घटना के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि 'क्रेन के निर्माण में खराबी के कारण ही हिंदुस्तान शिपयार्ड में क्रेन दुर्घटना में घटी है. इस महीने की 1 तारीख को क्रेन दुर्घटना में दस लोग मारे गए थे.' वहीं उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस दुर्घटना की जांच के लिए आंध्र विश्वविद्यालय के पांच प्रोफेसर, विशाखापट्टणम आरडीओ औक आर एंड बीएसई के साथ एक समिति को गठन किया गया था. इसके आलावा समिति ने बीते बुधवार को शिपयार्ड में दुर्घटना पर रिपोर्ट सौंप दी है.
वहीं इस मामले में जिलाधीश ने यह भी बताया कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेन के रखरखाव में लापरवाही स्पष्ट रही है. इसके आलावा 70 टन के भार के क्रेन परीक्षण के दौरान न्यूनतम सावधानी नहीं बरती गई थी और क्रेन का कार्बन ब्रशेस गिर गया. वहीं क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद इन्सुलेटर को तीन बार बदला गया. वहीं पिछली बार किये गये ट्रायल रन के दौरान गियरबॉक्स में तेल रिसाव हुआ था. इसी के साथ गियरबॉक्स फेल होने के कारण ही क्रेन गिर गया और दुर्घटना सिर्फ दस सेकंड हुई. ऐसे में क्रेन संरचनात्मक डिजाइनिंग और ड्राइंग्स को थर्ड पार्टी के साथ जांच नहीं की गई थी.
इस बारे में उन्होंने कहा कि क्रेन के निर्माण में ही कामिया है. क्रेन का निर्माण क्षमता के अनुरूप नहीं किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि लोड परीक्षण एक विशेषज्ञ द्वारा किया जाना चाहिए. इस बारे में आगे बात करते हुए जिलाधीश ने यह भी कहा कि विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ट्रायल रन थर्ड पार्टी की ओर से किया जाना चाहिए. अगर कंपनी प्रबंधन ने लापरवाही की है तो कार्रवाई की जाने के बारे में कहा गया है.
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