पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर अभी देश भर में बहस चल ही रही थी, कि इस बीच रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को विश्व हिंदू परिषद से एक कार्यक्रम को संबोधित करने का न्योता मिला है. 11 सितंबर, 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म संसद को संबोधित किया था. इसके 125 साल पूरे होने पर यह आयोजन हो रहा है. विहिप ने रघुराम राजन को शिकागो में आयोजित होने वाले विश्व हिंदू कांग्रेस में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है. यह कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद की शिकागो यात्रा के 125 साल पूरे होने पर इस साल सितंबर में अमेरिकी शहर शिकागो में ही आयोजित होगा. इस कार्यक्रम में आमंत्रित अन्य प्रमुख हस्तियों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गेरे और अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य तुलसी गबार्ड शामिल हैं.
एक आयोजक ने कहा, 'उन्होंने कहा है कि आने की कोशिश करेंगे, हमें उम्मीद है कि वह आएंगे.' रघुराम राजन को विहिप से न्योता मिलना इस लिहाज से भी दिलचस्प है कि वह जब रिजर्व बैंक के गवर्नर थे, तो विहिप की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) उनकी नीतियों की आलोचना करते रहे है . सितंबर, 2016 में गवर्नर का अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद से राजन शिकागो में ही हैं और वहां अध्यापन कर रहे हैं. उन्होंने यह स्वीकार किया था कि वे रिजर्व बैंक में एक और कार्यकाल तक सेवा देना चाहते थे, लेकिन सरकार ने इसका मौका नहीं दिया.
हिंदू कांग्रेस की सह आयोजक संस्था वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के प्रमुख स्वामी विज्ञानानंद ने अखबार को बताया, '11 सितंबर को जब अमेरिका में आतंकी हमलों की वर्षगांठ मनाई जाएगी तो हम लोगों से कहेंगे कि उनके सामने चुनाव के लिए एक ऐसा धर्म है जो घृणा फैलाता है तो दूसरी तरफ वह धर्म जो सार्वभौमिक भाईचारे की बात करता है.'
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