नई दिल्ली। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक मामले के मंत्रालय को बंद करने की मांग की गई है। यह मांग विश्व हिंदू परिषद ने की। संगठन के सदस्यों ने आरोप लगाया कि ये संस्थाऐं अलगाववादी मानसिकता को बढ़ाने वाली हैं। अल्पसंख्यक आयोग व मंत्रालय पर आरोप लगाया गया कि ये हिंदू विरोधी गतिविधियों को बढ़ाते हैं और जिहादी समूह के माध्यम से अलगाव को बढ़ावा देते हैं।
यह भी कहा गया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ही देश के सभी नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त है।ऐसे में अल्पसंख्यक मामले के मंत्रालय और आयोग की आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद का यह आरोप ऐेसे समय लगाया गया है जब उत्तरप्रदेश में सांप्रदायिक घटनाऐं बढ़ गई हैं। ऐसे में विहिप के आरोपों को गंभीर माना जा रहा है। हालांकि विहिप ने इस तरह का प्रस्ताव अकेले उत्तरप्रदेश के संदर्भ में प्रस्तुत नहीं किया है।
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