शरीर हर किसी को अच्छा लगता है. लेकिन कभी-कभी शरीर में कुछ ऐसे निशान या दाग हो जाते हैं जिसे लाख उपचार के बाद भी हम शरीर से मिटा नहीं पाते हैं. ऐसे ही आपने सफ़ेद दाग भी देखे होंगे. बता दें, विटिलिगो (सफेद दाग) भी एक ऐसा रोग है जो शरीर से जा भी सकता है और नहीं भी जा सकता है. विटिलिगो शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है. अगर आप नहीं जानते हैं तो जान लें क्या होता है ये.
क्या होता है विटिलिगो?
विटिलिगो एक प्रकार का त्वचा रोग है. जिसमें शरीर के किसी भी भाग में एक छोटा सा सफेद दाग बनता है, और बाद में शरीर के किसी भी भाग में फैलने लगता है. यह इसलिए होता हैं क्योंकि शरीर के त्वचा में रंग बनाने वाली कोशिका मेलेनोसाइट्स धीरे-धीरे खत्म हो जाती है. यह एक ऑटो इम्यून डिज़ीज़ भी है. जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता उसकी त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगती है. अमूमन यह समस्या होंठों और हाथ-पैरों पर दिखाई देती है. इसके अलावा शरीर के कई अलग-अलग हिस्सों पर भी ऐसे दाग नज़र आने लगता है.
सफेद दाग को पहचानें-
सफेद दाग को पहचानने का सबसे आसान तरीका है. आप के त्वचा के रंग में किसी जगह फीका नजर दिखाई देना.
समय मे पहले माथे के बाल, दाढ़ी, पलकें आदि के रंग उड़ना और सफेद होना.
थायरॉयड औऱ टाइप1 डायबिटीड के प्रभाव के चलते त्वचा में सफेद दाग का होना.
आनुवंशिकता से (परिवार में पहले किसी को ये बीमारी हो).
अगर संवेदनशील शरीर हो तो तेज़ गंध वाले साबुन, परफ्यूम, डियो हेयर कलर और किसी अन्य केमिकल्स का इस्तेमाल करने से.
शरीर पर किसी भी प्रकार का टैटू बनवाना भी इसके होने के कारण हो सकते हैं.
अपने शरीर को (यूवी लाइट) अल्ट्रावायोलेट रे से बचाएं.
सफेद दाग (विटिलिगो) के प्रकार
समान्य रुप से शरीर में मेलेनोसाइट्स (रंग बदलने की सेल्स) कम पाया जाना.
विटिलिगो रोग से लड़ने की प्रणाली में मेलेनोसाइट्स सेल्स का कमजोर पड़ना.
शरीर के किसी एक हिस्से में या शरीर के कई हिस्से में होना.
शुरुआती दौर में त्वचा पर छोटे-छोटे दागों का दिखना.
बच्चों में अधिकतर होने के संकेत मिलना.
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