देहरादून: राज्य सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के मूल मंत्र पर वोकल फॉर लोकल पर पहला कदम रख रही है. कृषि, उद्यम तथा टूरिस्म के क्षेत्र में हर शहर की एक कार्ययोजना को चयनित कर लिया गया है. अब सरकार एक जिला एक उत्पाद रणनीति के माध्यम से कदमताल करेगी, तथा प्रदेश के किसानों तथा स्थानीय लोगों की आजीविका में वृद्धि करने पर जोर देगी. प्लान का खाका तैयार है.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुसार, कोरोना वायरस के इस चुनौतीपूर्ण दौर को प्रदेश के लोगों के मदद से एक अवसर के तौर पर परिवर्तित करने के लिए सरकार होमवर्क में जुट गई है. सरकार इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए नियम कायदों को निरंतर लचीला कर रही है. श्रम कानूनों में 15 संशोधन कर दिए गए हैं. अब तक कारोबार के लिए 15 नई नीतियां बना दी गई हैं. सरकार का मेक इन इंडिया पर जोर है.
वही अब गवर्मेंट का लोकल उत्पादों पर जोर है. इरादा है कि प्रदेश के प्रत्येक शहर को उसके उत्पादों तथा उसकी सैरगाहों से पहचाना जाए. देश तथा विश्व में उनकी धूम हो. हर इन्साफ पंचायत में विकास केंद्र बनाने के प्लान पर सरकार ने काम आरम्भ कर दिया है. प्रदेश में 96 विकास केंद्र स्वीकृत हो गए हैं. स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता से कुछ विकास केंद्र काम करने लगे हैं. वही सीएम रावत के अनुसार, विकास सेंटर, एक जिला एक उत्पाद, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाओं से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा सुधार आएगा. थत्यूड़, लोहाघाट तथा थानो में विकास केंद्र शानदार काम कर रहे हैं. 96 विकास सेंटर मंजूर कर दिए गए हैं. हर शहर में उत्पाद, विनिर्माण तथा टूरिस्म सेक्टर का सिलेक्शन कर लिया गया है. ये सभी कार्य स्थानीय लोगों की शत प्रतिशत हिस्सेदारी से किए जाएंगे. इसके बेहद पोसिटिव परिणाम सामने आने वाले हैं.
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