उज्जैन : राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजनान्तर्गत विपत्तिग्रस्त महिलाओं और कठिन परिस्थतियों में निवास कर रही महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उन्नयन हेतु स्थायी प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि वे रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकें। जारी निर्देशानुसार बालात्कार पीड़ित, गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाली, एसिड अटैक पीड़ित, जेल से रिहा महिलायें, तालाकशुदा महिलायें, शासकीय या अशासकीय नारी निकेतन में रहने वाली महिलायें, दहेज पीड़ित, अग्निपीड़ित, बाल विवाह पीड़ित महिलाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जायेगा और सजायाफ्ता महिलाओं को जेल में ही प्रशिक्षण दिया जायेगा।
महिला की उम्र 45 वर्ष से कम हो, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को 50 वर्ष की आयु तक व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जायेगा। अनपढ़ महिलाओं के लिये अलग से प्रशिक्षण दिया जायेगा।
विपत्तिग्रस्त महिलाओं को फार्मेसी, नर्सिंग, फिजियोथैरेपी, आईटीआई, पॉलीटेक्निक पाठ्यक्रम, ब्युटीशियन कोर्स, शार्ट टर्म मैनेजमेंट कोर्स, कुकिंग, बैंकिंग, हॉस्पिटेलिटी, होटल एवं इवेंट मैनेजमेंट, प्रयोगशाला सहायक, बी.एङ या डी एङ (सिर्फ शासकीय संस्थाओं से) आया या दाई या वार्ड सेवा का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।