Vodafone के CEO निक रीड ने वित्त मंत्री से की मुलाकात

Vodafone के CEO निक रीड ने वित्त मंत्री से की मुलाकात
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वोडाफोन आइडिया की प्रमोटर ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने एजीआर मसले पर शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण तथा संचार मंत्री रविशंकर से मुलाकात की। इसके साथ ही रीड ने दोनो मंत्रियों के समक्ष सुप्रीमकोर्ट के फैसले के मुताबिक देय बकाये के भुगतान में कंपनी की असमर्थता प्रकट करते हुए राहत की मांग की। कंपनी के आंतरिक आकलन के मुताबिक वोडाफोन आइडिया पर 2006 से फरवरी, 2019 तक की एजीआर की केवल 21,533 करोड़ की देनदारी बनती है। इसमें मूलधन के 6,854 करोड़ रुपये के अलावा ब्याज और जुर्माना मौजूद है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की बता दें कि केवल लाइसेंस फीस की गणना में एजीआर अथवा एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू पर विचार किया जाता है। स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज में नहीं। इसके साथ ही टेलीकॉम कंपनियों पर 1.47 लाख से ज्यादा के बकाये में लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (एसयूसी) के साथ उन पर देय ब्याज और जुर्माने की रकम मौजूद है। वित्तमंत्री सीतारमण से मिलने के बाद रीड ने कहा कंपनी के लिए किसी राहत पैकेज की घोषणा दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा की जाएगी। उन्होंने इससे अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।सीतारमण से मुलाकात के बाद रीड ने वोडाफोन आइडिया के एमडी व सीईओ रविंदर टक्कर के साथ संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा संचार सचिव अंशु प्रकाश के साथ भी बैठक की।

सूत्रों के अनुसार वहां भी दोनों ने कंपनी को राहत दिए जाने की मांग रखी। वहीं जिसमें बकाये की रकम को 15 वर्षो के दौरान किस्तों में चुकाने की सुविधा की मांग मौजूद है। इन मुलाकातों से एक दिन पहले वोडाफोन आइडिया की ओर से कहा गया था कि उसने आतंरिक आडिट में केवल 21,533 करोड़ रुपये के एजीआर (लाइसेंस फीस) बकाये का आकलन किया है। सुप्रीम कोर्ट को जब इसकी भनक लगी तो उसने 14 फरवरी को सख्ती बरतते हुए सरकार और टेलीकॉम कंपनियों दोनो को आड़े हाथों लेते हुए 24 फरवरी तक समस्त बकाया जमा कराने अन्यथा अवमानना कार्रवाई के लिए तैयार रहने का हुक्म जारी कर दिया था।इसके साथ ही  इससे घबराए दूरसंचार विभाग ने अपने आदेश को तत्काल वापस लेते हुए टेलीकॉम कंपनियों को आधी रात तक बकाया जमा करने अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार करने को कहा।

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