चेन्नई : हम ट्रक और बस बाजार के बारे में बात कर रहे हैं. एक बाजार जो पिछले दशक के मध्य में सबसे खराब मंदी से बाहर निकलना शुरू कर चुका था. वरिष्ठ ऑटो उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक, वाणिज्यिक वाहन उद्योग के शीर्ष-अंत में भारी शुल्क ट्रकों और ट्रैक्टर ट्रेलरों वाले अब 2015 के पहले चार महीनों में Volvo Eicher वाणिज्यिक वाहनों के साथ दौड़ आगे रहे हैं. मध्यम और हल्के वाणिज्यिक वाहन अभी भी सामान्य हैं. 2 टन और नीचे के वाहनों का सुपर लाइट श्रेणी अभी भी पहले गियर में फंस गया है.
उद्योग तो पटरी पर वापस आ गया है लेकिन यह केवल बड़े-बेड़े उद्योगपतियों के लिए है जो इस मांग को तेज कर रहे हैं. पिछड़ चुके और छोटे उद्योगपति अभी भी नए वाहन खरीदने के बारे में सोचने के लिए बुरी तरह से परेशान हैं. परिणामस्वरूप बाजार में बहुत खराब स्थिति थी वहां अभी भी पर्याप्त मात्रा में सुधार नहीं हुए है, पवन गोयनका, महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव और फार्म उपकरण डिवीजन के निदेशक और अध्यक्ष हैं.
5-15 टन का हल्का और मध्यम वाणिज्यिक वाहन खंड अभी भी क्षमता उपयोग के साथ काम कर रहा है जो कि 2011 के शिखर में 60% है. Volvo Eicher वाणिज्यिक वाहन के एमडी विनोद अग्रवाल ने कहा- ''2012 की औसत अवधि के दौरान औसत मासिक बिक्री 8000 रुपये प्रति महीना की दर से लगभग 5000 रुपये प्रति माह नीचे आ गई है.''