स्वीडिश ऑटोमोबाइल कम्पनी ने घोषणा की है साल 2019 में वह भारत अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर देगी. बताया जा रहा है कि वॉल्वो 2018 तक सभी कारों में हाइब्रिड तकनीक लगाएगा. आपको बता दें कि हाइब्रिड वाहनों की नई जीएसटी दरों के बावजूद वॉल्वो ने अपनी योजनाओं को नहीं बदला है. बेंगलुरु में वॉल्वो का नया संयंत्र 2018 में चालू होगा और वॉल्वो XC90 और S90 सीडेक उत्पादों के जरिये भारत में प्रवेश करेगी.
वॉल्वो इंडिया के प्रबंध निदेशक टॉम वॉन बांसफोर्ड ने कहा कि वॉल्वो कारों की कीमत प्रतिद्वंदी निर्माताओं के लिए होगी. इसलिए स्थानीय उत्पादन के बावजूद अपेक्षित मूल्य में कमी नहीं मिल सकती है. वॉल्वो ने यह भी कहा कि 2032 तक बिजली वाहनों में आने की सरकार की योजना बेहद महत्वाकांक्षी है.
लेकिन इस प्रकार के लक्ष्यों में इस तरह के बदलाव आएंगे. वहीं वॉल्वो इंडिया में इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च करेगा जो कि एक्सपी 60 और एस 60 प्लेटफार्म पर आधारित होने की सम्भावना है. भारत सरकार ने पहले ही कहा है कि 2032 तक देश विद्युत वाहनों में स्थान्तरित हो जायेगा. वॉल्वो की भारत में बिजली के वाहनों को लॉन्च करने की योजना इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी. क्योंकि अधिक से अधिक निर्माताओं ईवी खंड में प्रवेश करेंगे.
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