नई दिल्ली: देश में वर्तमान समय में फर्जी वोटरों की संख्या काफी बढ़ गई है और अब इस समस्या को समाप्त करने के लिए चुनाव आयोग अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले सभी वोटर आइडी को आधार के साथ लिंक कराने का काम खत्म कर लेना चाहता है। जानकारी के अनुसार बता दें कि इसके लिए आयोग ने फिर से यह अभियान चलाना तय किया है। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे आधार से पैन कार्ड को लिंक किया जाता रहा है।
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यहां बता दें कि चुनाव आयोग जल्द ही इसके लिए कानून में बदलाव करने का प्रस्ताव सरकार को भेजने पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही बता दें कि अगर संसद से कानून पारित हो गया तो देश के सभी वोटरों के लिए अपना आधार वोटर आइडी से लिंक कराना अनिवार्य हो जाएगा। अभी तक चुनाव आयोग 38 करोड़ मतदाताओं का वोटर आइडी उनके आधार नंबर से लिंक कर चुका है। वहीं बता दें कि चुनाव आयोग ने रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। इसके तहत वोटर आइडी को 12 डिजिट के आधार नंबर से जोड़ना जरूरी किया जाएगा।
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गौरतलब है कि इसमें लोगों की प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाएगा। वहीं बता दें कि 2015 में आयोग की इस कवायद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रोक लग गई थी। इसके साथ ही बता दें कि 2014 के आकंड़ों पर गौर करे तो देश में करीब 81 करोड़ से ज्यादा वोटर हैं। वहीं आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर में दिए गए फैसले के बाद अब एक बार फिर से कानूनी सलाह लेने का मन बनाया है। आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) से चुनाव आयोग ने राय मांगी थी।
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