प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक अनोखी घटना सामने आई है यहाँ ढकवा में कभी कक्षा 6 में पढ़ने के चलते नासमझ उम्र की मित्रता की कसम शिक्षक राजबहादुर यादव एवं किसान रामबहाल यादव ने आखिरी सांस तक निभाई। तीन दशक से ज्यादा पुरानी मित्रता में कभी दरार नहीं आई। काम अलग होने के पश्चात् रोज बाजार में साथ मिलना होता रहा। बाजार में ही दोनों को एक साथ मौत आई तथा शनिवार दोपहर गोमती नदी किनारे इब्राहिमपुर घाट पर पास-पास बनी चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।
वही अब नगर पंचायत ढकवा की बॉर्डर में आ चुके आसपुर देवसरा के देवरखा एवं नीमा मोहल्ले आसपास ही हैं। देवरखा निवासी शिक्षक राजबहादुर यादव (45) एवं उनके दोस्त नीमा के रहने वाले रामबहाल यादव (48) की शुक्रवार शाम ढकवा बाजार स्थित अष्टभुजी मंदिर मोड़ पर पीछे से आई कार की टक्कर से जान चली गई थी। दोनों का शव रात में ही पोस्टमार्टम के पश्चात् घर पहुंच गया। आसपास के गांव से निकली दोनों की शव यात्रा एक साथ गोमती नदी के इब्राहिमपुर घाट पहुंची। वहां दोनों की चिता बगल-बगल लगाई गई। घाट पर उपस्थित व्यक्तियों के बीच दोनों की दोस्ती चर्चा का विषय रही। गांव के लोगों ने बताया कि उनकी मित्रता में कभी खटास नहीं आई। दोनों एक दूसरे के सुखदुख में हमेशा खड़े रहते थे। मित्रता भगवान ने भी नहीं तोड़ी।
घर से लगभग 50 किलोमीटर दूर गौरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुर के हेडमास्टर राजबहादुर अपने दोस्त रामबहाल यादव से हर शाम ढकवा बाजार में मिलते थे। राजबहादुर सड़क पर हो रही दुर्घटना देख हमेशा डरते रहते थे। ऐसे में किराए पर बोलरो लेकर विद्यालय जाया करते थे। घर से बाजार पैदल आते थे। शुक्रवार शाम वह अपने दोस्त के साथ दुकान पर चाय पीने के पश्चात् मोटरसाइकिल से चल पड़े तथा चंद कदम आगे ही कार उन पर मौत बनकर झपट पड़ी।
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