देहरादून: वक्फ संपत्ति विधेयक पर देश भर में बहस चल रही है, और इसे लेकर एक ध्रुवीकरण का माहौल बन रहा है। भाजपा की आलोचना करने वाले विपक्ष इसे मुस्लिम किरोधी बिल बता रहे हैं। अधिकतर मुस्लिम नेता भी इस बिल पर मुसलमानों को भड़काने में लगे हुए हैं। हालाँकि, मुस्लिम समुदाय में भी ऐसे लोग हैं जो इस विधेयक को आवश्यक मानते हैं। कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक ठोस और तार्किक कानून होना चाहिए, जिससे संपत्तियों के रखरखाव में सुधार हो सके और जमीनों पर से अवैध कब्जे हटाए जा सकें। इसी संदर्भ में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मुफ्ती शमून कासमी ने भी अपनी राय व्यक्त की है।
मुफ्ती शमून कासमी ने एक चैनल के साथ बातचीत में कहा कि वक्फ संपत्तियों की मौजूदा दयनीय स्थिति के पीछे मुख्य रूप से उन दलालों की भूमिका है, जिन्होंने संपत्तियों का शोषण किया। उन्होंने कहा कि, जिस समुदाय के पास देश में 9 लाख एकड़ जमीन है, फिर भी उस समुदाय की हालत दयनीय है, तो कहीं ना कहीं गड़बड़ तो है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने 60 साल के कार्यकाल के दौरान वक्फ संपत्तियों को बर्बाद किया और वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को लूटकर खा लिया। कासमी ने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे कब्रिस्तान हज़ारों बीघे में फैले हुए हैं, जमीनें खाली पड़ी हुई हैं, वहां अगर पेड़ पौधे लगा दिए जाएं, तो क्या गरीब मुस्लिमों की कमाई नहीं हो सकती ?
उन्होंने आगे कहा कि गरीब मुसलमानों का पैसा लंबे समय से लूटा गया है और अगर वक्फ बोर्ड की जांच की जाए तो इसका बड़ा खुलासा हो सकता है। कासमी ने यह भी सुझाव दिया कि वक्फ द्वारा लूटी गई संपत्तियों की रिकवरी की जानी चाहिए। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने भी मुफ्ती शमून कासमी के बयान का समर्थन किया और इसे सही बताया, उनके बयान को एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि मुफ्ती शमून कासमी भारत में वक्फ संपत्तियों की जमीनी हकीकत को उजागर कर रहे हैं।
Listen to this genuine Muslim voice! Mufti Shamoon Qasmi is speaking the Truth, based on the real ground situation about Waqf Properties in India. pic.twitter.com/ifZSLgluo1
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 16, 2024
मुफ्ती शमून कासमी उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन हैं और उन्हें उत्तराखंड में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है। वे मूल रूप से यूपी के बिजनौर के निवासी हैं, और अब अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं। वे एक सामाजिक सेवी और चिंतक भी हैं, और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सदस्य हैं।
आज देश को पहली 'वंदे मेट्रो' की सौगात देंगे पीएम मोदी, जानें इसका रुट..
आतंकी के एनकाउंटर का लाइव Video, निर्दोषों को मारने वाला जिहादी, जान बचाकर भाग रहा