'द केरल स्टोरी' को लेकर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। केरल के सीएम पिनरई विजयन ने इसे दूरदर्शन पर प्रसारित करने से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'दूरदर्शन की तरफ से ध्रुवीकरण को बढ़ावा करने वाली फिल्म 'द केरल स्टोरी' को प्रसारित करने का फैसला बेहद निंदनीय है। राष्ट्रीय समाचार प्रसारक को बीजेपी-RSS की प्रचार मशीन नहीं बनना चाहिए तथा इस फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं करनी चाहिए। जो सिर्फ आम चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाना चाहते हैं।' उन्होंने कहा कि केरल नफरत फैलाने के ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रयासों का दृढ़ता से विरोध करता रहेगा।
केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने इसे लेकर केरल के मुख्यमंत्री पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ''द केरल स्टोरी' एक ऐसी फिल्म है जिसे सेंसर बोर्ड ने अनुमति दी है। वामपंथी हमेशा से कहते रहे हैं कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में हैं। ऐसे में मुझे समझ नहीं आता कि जब ऐसी फिल्म प्रसारित हो रही है तो उन्हें चिंता क्यों हो रही है।' उन्होंने कहा कि वामपंथी को बेतुके आरोप लगाने के लिए जाना जाता है। ध्यान हो कि दूरदर्शन ने 5 अप्रैल को रात 8 बजे फिल्म 'द केरल स्टोरी' को टेलीकास्ट करने का निर्णय लिया है। यह फिल्म 5 मई 2023 को रिलीज हुई थी।
'द केरल स्टोरी' के प्रसारण को लेकर CPI (M) के राज्य सचिवालय की तरफ से भी आरोप लगाए गए हैं। इसमें बताया गया कि भारतीय जनता पार्टी ने विवादास्पद फिल्म को प्रदर्शित करने का निर्णय इसलिए किया, क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। इसके माध्यम से बीजेपी अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के प्रयास में जुटी है। यह हर किसी को पता है कि भगवा दल केरल के समाज में अपनी पैठ बनाने में असमर्थ रहा है। CPI (M) की तरफ से बताया गया, 'यह केरल को चुनौती देने जैसा है। जब यह विवादित फिल्म रिलीज हुई थी तो केरल में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ था। सेंसर बोर्ड ने स्वयं ही फिल्म से 10 सीन हटा दिए थे।'
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