भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में राज्य में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर बयान दिया है। आप जानते ही होंगे उन्होंने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को काफी हद तक नियंत्रण में ला दिया है। ऐसे में अब उन्होंने कोरोना संक्रमण का जिक्र करते हुए यह दोहराया कि ''इसे अब भी हल्के में नहीं लें। इससे सावधान रहेंगे, तो कुछ नहीं होगा, लेकिन जरा सी भी लापरवाही नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगी।'' जी दरअसल आज शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिला मुख्यालय में कोरोना संबंधी स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि, ''अब भी कोरोना की तीसरी लहर रोकना बड़ी चुनौती है। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं है। यदि लोगों ने सावधान रहते हुए शासन प्रशासन की ओर से निर्धारित दिशानिदेर्शों का पूर्ण पालन किया। बाहर निकलने पर मॉस्क लगाएं। दूरी बनाए रखें। सैनिटाइज करें और कोरोना को रोकने के लिए निर्धारित अन्य आचार संहिता का पूर्ण पालन करें। यदि किसी को जरा सी भी सर्दी, खांसी हुई, तो वे तत्काल अस्पताल पहुंचकर जांच और इलाज प्रारंभ कराएं।'' इसके अलावा उन्होंने प्रशासन को निर्देश जारी किये कि वे भी बीमार व्यक्तियों के बारे में तुरंत सजग रहकर उनकी जांच कराएं और उनके संक्रमित पाए जाने पर उन्हें कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराएं। उन्होंने कहा, 'सरकार इस तरह के सेंटर बंद नहीं करेगी। अधिक से अधिक टेस्टिंग भी जारी रखी जाए। वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से जारी रहेगा। ये सब उपाय कर हम कोरोना को नियंत्रित रख सकते हैं।'
इसके अलावा उन्होंने यह भी दोहराया कि ''यदि इन सब नियमों का पालन नहीं किया गया, तो तीसरी लहर को रोकना संभव नहीं हो पाएगी और इसकी कीमत सबको चुकाना पड़ सकती है।'' उन्होंने यह भी कहा कि, ''हम सबको राज्य में अभूतपूर्व तबाही मचाने वाली दूसरी लहर के प्रकोप से सबक लेना चाहिए। इसने अप्रैल और मई माह के दौरान कितनी तबाही मचायी। हमें ऑक्सीजन और दवा इत्यादि के लिए कितना परेशान होना पड़ा, यह किसी से छिपा नहीं है। इसके मद्देनजर हम सबको लगातार सतर्क रहकर कोरोना के साथ रहने की आदत डालना होगी। इसी स्थिति में बाजार बेहतर ढंग से संचालित किए जा सकते हैं।''
इसके साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन पर जोर देते हुए कहा कि ''राज्य में एक करोड़ वैक्सीन के डोज की व्यवस्था करने के लिए वैश्विक स्तर पर निविदाएं आमंत्रित की गयी हैं। इसके अलावा पांच करोड़ और डोज की व्यवस्था के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। यह आवश्यक नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना नहीं होगा, लेकिन यदि वैक्सीन के बाद भी किसी को कोरोना होगा, उसे नुकसान अधिक नहीं होगा।''
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