कोच्ची: 2020 के हाई-प्रोफाइल सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने केरल के ADGP एम.आर. अजीत कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्वप्ना ने दावा किया है कि अजीत कुमार ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उसे केरल से बेंगलुरु भागने में मदद की। स्वप्ना, जो राजनयिक सामान के माध्यम से तिरुवनंतपुरम में यूएई वाणिज्य दूतावास में सोने की तस्करी में शामिल थी, ने आरोप लगाया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यात्रा प्रतिबंधों के बावजूद उसे सुरक्षित निकलने में मदद की।
स्वप्ना और एक अन्य आरोपी सरित ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि अजीत कुमार ने उनकी यात्रा का पूरा प्रबंध किया था और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को हर जानकारी दी। शिवशंकर, जो मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के करीबी माने जाते थे, ने इस पूरे मामले में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने निजी बातचीत में दावा किया था कि मुख्यमंत्री को कुछ भी नहीं पता और वे शिवशंकर द्वारा प्रस्तुत किए गए किसी भी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर देते थे। शिवशंकर इस मामले में जेल भी जा चुके हैं।
स्वप्ना का कहना है कि वह उस समय अजीत कुमार को नहीं जानती थी, लेकिन उसे शक है कि शिवशंकर के कहने पर उसे बेंगलुरु भागने में मदद की गई। उसका मानना है कि उसकी बेंगलुरु की यात्रा की योजना जानबूझकर बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य उसे बेंगलुरु से नागालैंड ले जाकर खत्म करना था। इस मामले में साजित कुमार, जो तिरुवनंतपुरम में यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व पीआरओ हैं, ने भी खुलासा किया कि अजीत कुमार ने बेंगलुरु की यात्रा के मार्गदर्शन में मदद की थी। इस बीच, अजीत कुमार ने शाज किरण के माध्यम से स्वप्ना को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से संबंधित कोई भी जानकारी न देने का निर्देश दिया था।
अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुख्यमंत्री पिनारई विजयन भी इस तस्करी में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि शिवशंकर जैसे उनके करीबी का नाम बार-बार सामने आ रहा है और मुख्यमंत्री की चुप्पी विवाद से बचने की एक रणनीति हो सकती है। इस पूरे मामले में केरल सरकार पर संदेह गहराता जा रहा है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में क्या खुलासे होते हैं। क्या केरल सरकार के भीतर कुछ बड़ा खेल चल रहा है? क्या मुख्यमंत्री खुद इस तस्करी में शामिल हैं? ये सवाल अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं।
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