पटना: बिहार के राजद के जिस MLA ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया था, उन्हीं MLA ने एक बार फिर प्रभु श्री राम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि ये सब लोग कह रहे हैं कि 22 जनवरी को पत्थर में प्राण डाला जाएगा तो इतने दिनों से क्या राम बिना प्राण के थे? फतेह बहादुर ने कहा, "देश को कल्पना की तरफ क्यों ले जा रहे हैं. आस्था दिल में होती है, उसका मतलब ये थोड़े ही है कि पत्थर की प्रतिमा बनवा दें. ये सब कह रहे हैं 22 तारीख को पत्थर में प्राण डाला जाएगा तो इतने दिन से राम क्या बिना प्राण के थे क्या?"
वही इससे पहले फतेह बहादुर ने पटना में एक पोस्टर राजद सुप्रीमो लालू यादव एवं राबड़ी देवी के आवास के सामने लगवाया था, जिसमें लिखा था कि मंदिर का अर्थ मानसिक गुलामी का मार्ग तथा स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का रास्ता. जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश भी देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड मूर्खता तथा अज्ञानता की तरफ बढ़ रहे हैं, जबकि स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश प्राप्त होता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान एवं वैज्ञानिकता और प्रकाश की तरफ बढ़ रहे हैं. अब तय करना है कि आपको किस और जाना चाहिए?
राजद MLA द्वारा लगवाए गए इस पोस्टर का बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भी समर्थन किया था.उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी नहीं बल्कि हमारी मां सावित्री बाई फुले की बात को दोहराया है. रोहतास के डेहरी में एक समारोह में पहुंचे चंद्रशेखर ने कहा था कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता है, जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता है. शिक्षा मंत्री ने कहा, "फतेह बहादुर ने अपनी बात नहीं बोली बल्कि उन्होंने तो हमारी माता सावित्री बाई फुले जो देश की पहली महिला अध्यापिका थी, उन्हीं की बात को दोहराया है. किन्तु षड्यंत्रकारियों ने उनके गले की कीमत लगा दी. आगे उन्होंने कहा कि अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा, शहीद जगदेव प्रसाद का बेटा अब आहूति नहीं देगा. अब आहूति लेना जानता है."
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