पटना: बिहार के बक्सर जिले में हिंदू समुदाय के कई महिला-पुरुषों का ईसाई धर्म में सामूहिक धर्मांतरण करने का मामला सामने आया है। इस मामले में दो पादरी (कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार तीन) पर आरोप है कि उन्होंने 50 से 60 लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया। एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें पादरी महिलाओं को गंगा में स्नान करवा रहे हैं और उनकी माँग से सिंदूर धोकर उनके सिर पर क्रॉस बना रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और पुलिस ने दोनों पादरी को गिरफ्तार कर लिया। पादरी का कहना है कि सभी लोग अपनी मर्जी से उनके पास आए थे और बाइबिल पढ़ने के बाद खुद ही धर्मांतरण का निर्णय लिया। यह घटना 14 नवंबर 2024 को सिमरी थाना के नगपुरा गांव के महावीर गंगा घाट पर हुई थी।
इन पादरियों में से एक सैमुएल तमिलनाडु से था, जबकि राजू राम मसीह और राजीव रंजन राम बिहार के थे। पादरी राजू राम ने बताया कि उनके पास कई लोग बीमारियों के इलाज के लिए आए थे, और उन्हें यह सलाह दी गई कि वे दवाई लें, जबकि पादरी जीसस से उनकी बीमारी ठीक होने की प्रार्थना करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जिनकी बीमारियां ठीक हुईं, वे अपनी इच्छा से ईसाई धर्म अपनाने के लिए आए थे और किसी पर दबाव नहीं डाला गया।
पुलिस के अनुसार, जांच में यह सामने आया कि इन लोगों को गंगा घाट पर बाइबिल के अनुसार गुरु दीक्षा देने के लिए लाया गया था। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चेतावनी दी है कि धर्मांतरण कानून का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले आदिवासियों के साथ धर्मांतरण किया गया, अब गरीबों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को रोकने के लिए एक कठोर कानून बनाने की जरूरत है।
मदरसे में महीनों तक युवती का रेप करता रहा जफ़र अहमद, जब प्रेग्नेंट हुई तो..
'भाजपा से सटोगे, तो काटोगे..', पोस्टर के जरिए क्या मतदाताओं को धमका रही RJD?
प्याज़-सोयाबीन और कपास की कीमत..! महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने किए बड़े वादे