मुंबई: भीषण गर्मी से महाराष्ट्र के कई भागों में जल संकट गहरा हो चुका है। महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मेलघाट के कई गावों के लोगों को भीषण जल संकट को झलना पड़ रहा है। खासकर जल संकट से 1500 की आबादी वाले खड़ियाल गांव के लोगों की दुश्वारिया और भी बढ़ती जा रही है, गांव में सिर्फ दो कुएं हैं, उनसे पानी लेने के लिए लोग हर दिन जोखिम में डाल रहे हैं। खड़ियाल गांव के ग्रामीण पानी लाने के लिए अपने प्लास्टिक और धातु के डिब्बे, बाल्टी और बोतलों को रस्सियों से बांधकर एक गहरे कुएं से पानी भर रहे है। ग्रामीणों के मुताबिक, ''वे एक बाल्टी पानी के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।''
एक ग्रामीण ने मीडिया से बात करते हुए बोला है कि "गांव में दो कुएं हैं जो लगभग सूख गए है। 15,00 की आबादी वाला एक गांव हर दिन पानी के लिए 2-3 टैंकरों पर आश्रित है ।" एक अन्य ग्रामीण ने कहा है कि, "गांव में सूखे कुओं में पानी डालने वाले दो टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति भी की जा रही है। लोग कुओं से पानी खींचने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं। गंदा पानी पीने से बीमारियां बढ़ने का खतरा और भी ज्यादा हो चुका है।"
ग्रामीणों का इस बारें में कहना है कि सड़क की हालत भी खराब है। एक ग्रामीण ने बोला है "यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसे हॉस्पिटल ले जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है।" गर्मी के शुरुआत के साथ ही महाराष्ट्र सहित देश के अलग-अलग भागों से जल संकट की खबरें सुनने के लिए मिल जाती है। बीते हफ्ते ही नासिक के एक गांव चिचलेखैरे से पानी की कमी की रिपोर्ट सुनने के लिए मिली थी। चिचलेखैरे गांव में पानी के लिए महिलाएं रोजाना तीन से चार किलोमीटर पैदल चलती हैं। कुएं का जलस्तर बहुत नीचे चला गया है इसलिए गांव के लोग पानी निकालने के लिए लोग अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं।
वाटर स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स धड़ल्ले से चल रहा था शादियों का व्यापार, पुलिस को भी नहीं लगी भनक
जुमे की नमाज के बाद यूपी के कई शहरों में प्रदर्शन पर सीएम योगी ने जारी किए निर्देश
1000 साल तक संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए लड़ा भारत, लेकिन छिपा दिया गया इतिहास- अमित शाह