आकाशदीप की रिपोर्ट
भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा के मध्यप्रदेश में प्रवेश करने के साथ ही उन्हे मिल रहे जनसमर्थन को देखकर भाजपा में चिंता की लहर दिखाई देने लगी है। पूर्व में भाजपा का मानना था कि राहुल की यात्रा साउथ से जब मध्यप्रदेश में पहूंचेगी तो यात्रा का जोश ठंडा पड़ जायेगा और कांग्रेस को यात्रा के लिये लोग भी नहीं मिलेगें। लेकिन इसका उल्टा हो रहा है, राहुल की यात्रा के मध्यप्रदेश में प्रवेश मात्र ने ही भाजपा के सत्तारूढ सरकार की निंद उडा दी है। महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में प्रवेश करते ही राहुल की यात्रा को अपार जनसमर्थन मिला, जिसके चलते प्रदेश की पूरी कांग्रेस उत्साह एवं उमंग से लबरेज दिखाई दे रही है।
वहीं कार्यकर्त्ताओं में नया जोश भर गया है, बडी संख्या में महिला, बुजुर्ग, बच्चे राहुल के साथ कदम ताल कर रहे है। कई नामी फिल्मी हस्तीयां, सेना के पूर्व सैनिक, राजनेता, समाजसेवी, डाक्टर, इंजिनियर आदि राहुल के साथ भारत जोडो यात्रा में शामिल हो रहे है। निमाड से राहुल की यात्रा मालवा में प्रवेश करेगी महू, राऊ, इंदौर और उज्जैन में यात्रा को लेकर कांग्रेस की जबरदस्त तैयारीयां चल रही है। इन तैयारियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में भाजपा की नहीं बल्की कांग्रेस की सरकार हो, कांग्रेस ने राहुल की यात्रा को एक बडा ईवेंट बना दिया है। इंदौर को झंडो, पोस्टरों, बेनरों से पाट दिया गया है, राहुल की इंदौर में एंट्री पर रेड कार्पेट बिछाया जाएगा, गुब्बारों से सजाया जाएगा, रांगोलियां बनाई जा रही है, संगीत निशा का आयोजन होगा।
मालवा क्षेत्र के हजारों कार्यकर्त्ता कांग्रेस के व तिरंगे झंडे लेकर यात्रा में शरिक होने के लिये इंदौर के लिये कूच कर गये है। कांग्रेस की इस भारत जोडो यात्रा में शामिल होने के लिये प्रियंका भी पहूंच गई है, जिसके चलते भाजपा की चिंता बढ गई है। इंदौर में तो भाजपा ने यात्रा को लेकर आत्मघाती कदम उठा लिया और राहुल की यात्रा के पोस्टर, बेनर नगर निगम द्वारा निकाले जाने लगे। जिसका कडा विरोध कांग्रेस द्वारा किया जा रहा है, वहीं भाजपा कांग्रेस के आदिवासी क्षेत्र में बडते प्रभाव को रोकने के लिये क्रांतिसूर्य यात्रा भी निकाल रही है। लेकिन भाजपा की इस यात्रा का इतना प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है, जबकि सभी तरफ राहुल की भारत जोडो यात्रा का ही जलवा दिखलाई दे रहा है। राहुल गांधी उज्जैन में एक महती सभा को भी संबोधित करेगें, वहीं इंदौर में नुकड सभा को संबोधित करेगें, राजनैतिक क्षेत्रों में यह कयास भी लगाये जा रहे थे कि राहुल की यात्रा के दौरान कांग्रेस के कई विधायक पार्टी छोडकर भाजपा में जा सकते है। लेकिन अभी तक यह सारे कयास भी निरर्थक ही साबित हो रहे है, बल्की पूरी की पूरी कांग्रेस एकजुट दिखलाई पड रही है।
भाजपा के सारे नेता इन दिनों गुजरात चुनाव में व्यस्त है और प्रदेश में कांग्रेस का माहोल गर्मा रहा है। जिसके चलते कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओं में एक नया जोश देखने को मिल रहा है, आने वाले साल में प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने है ऐसे में कांग्रेस के लिये राहुल बाबा की भारत जोडो यात्रा संजीवनी साबित हो रही है। हालांकी भाजपा इस बात से ही संतोष कर रही है कि अभी प्रदेश में चुनाव होने में एक साल बाकि है ऐसे में इतने दिनों में कांग्रेस की हवा वो निकाल देगें और आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पकड को भाजपा मजबूत कर लेगी। अब ये तो आने वाला समय ही बतायेगा की राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा कांग्रेसीयों को कितने समय तक एकजुट रख सकती है या नहीं क्योंकि कि राजस्थान में यात्रा पहूंचने के पहले ही एक बार फिर से अशोक गेहलोत और सचिन पायलट के बिच भौहें तन गई है।
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