पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुरुवार (24 अगस्त) को जाति-आधारित जनगणना के मुद्दे पर अपना रुख व्यक्त करते हुए वैज्ञानिक डेटा और आर्थिक अंतर्दृष्टि इकट्ठा करने के लिए एक व्यापक "जाति-आधारित सर्वेक्षण" की वकालत की। तेजस्वी यादव ने गरीबी को प्रभावी ढंग से कम करने और संसाधनों को आवंटित करने के लिए आर्थिक स्थितियों को समझने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
#WATCH | Delhi: On caste-based census, Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav says, "We struggled from the road to assembly for this. When I was the opposition leader, we gave a proposal in the Vidhan Sabha that he should keep people of all parties together and speak to the… pic.twitter.com/UUydAGjWN2
— ANI (@ANI) August 24, 2023
लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि, 'हम 'जाति जनगणना' नहीं चाहते हैं, यह एक 'जाति-आधारित सर्वेक्षण' है। जाति जनगणना संविधान के अनुसार केंद्र सरकार का अधिकार है। इससे हमें संख्याएं मिलेंगी, और हम वैज्ञानिक डेटा प्राप्त करेंगे। और हम एक आर्थिक सर्वेक्षण भी करेंगे। क्योंकि हमारा मानना है कि हर वर्ग में गरीब लोग हैं। हम गरीबी कहां है यह जानने के बाद योजनाएं लाएंगे और उन्हें लाभ पहुंचाएंगे। अगर हमें आर्थिक स्थिति का पता नहीं है तो हम यह कैसे तय कर सकते हैं कि किसे आरक्षण मिलेगा?' तेजस्वी यादव ने सरकारी रोजगार के क्षेत्र में बिहार की उपलब्धियों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि, ''2020 में हमारा मुख्य एजेंडा बेरोजगारी था और हमने कहा था कि 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी। यहां तक कि पीएम मोदी ने भी अपने 15 अगस्त के भाषण में यही बात दोहराई थी। हमारी सरकार बनने के बाद से हम रिक्तियों की घोषणा कर रहे हैं। हमने राज्य में लगभग 5 लाख सरकारी नौकरियों की घोषणा की हैं।' बता दें कि, तेजस्वी यादव ने सरकार बनने से पहले कहा था कि, वो पहली कैबिनेट मीटिंग में ही 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे, हालाँकि, सरकार बनने के बाद उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था कि, उन्होंने 10 लाख की नौकरी का वादा सीएम बनने पर किया था और वे अभी सीएम नहीं बने हैं।
तेजस्वी ने आगे कहा कि, 'पहले 70,000 पुलिसकर्मी फोर्स में शामिल हुए थे। हाल ही में शिक्षकों के लिए 1,75,000 नौकरियों की घोषणा की गई थी। कुछ दिनों के बाद हम सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति लाने जा रहे हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में लगभग 1.4 से 1.5 लाख नौकरियों की घोषणा की जाएगी। बिहार सरकारी नौकरियों के लिए मॉडल बन गया है। पीएम ने हमारे बाद नियुक्ति पत्र बांटना शुरू किया। अच्छी बात यह है कि हम जो एजेंडा लेकर आए थे, उस पर आज चर्चा हो रही है। हम आने वाले समय में इस कार्यकाल में 10 लाख सरकारी नौकरियां देंगे, किसी भी राज्य ने इतनी बड़ी संख्या में नौकरियों की घोषणा नहीं की है। इसकी सराहना की जानी चाहिए।"
इससे पहले दिन में, बिहार के उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से उनके आवास पर मुलाकात की और अपने राज्य में कई सड़क परियोजनाओं पर चर्चा की। अपनी बैठक के बाद, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की प्रशंसा की। तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, "मेरा मानना है कि नितिन गडकरी विकास को लेकर बहुत आशावादी हैं। हमने बिहार में उन परियोजनाओं में तेजी लाने पर चर्चा की जो पिछले 11-12 वर्षों से रुकी हुई थीं।" तेजस्वी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर गडकरी से मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं।
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