नई दिल्ली: पीएम मोदी शुक्रवार (1 अप्रैल 2022) शाम को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिले। पीएम मोदी और रूस के विदेश मंत्री के बीच यह बैठक लगभग 40 मिनट तक चली। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारत के आधिकारिक दौरे के दौरान पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। वहीं शुक्रवार को ही रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन मसले को लेकर भारत के रुख की प्रशंसा करते हुए कहा है कि रूस इस बात की तारीफ करता है कि भारत एकतरफा न होकर स्थिति को पूरी तरह से समझकर आगे बढ़ रहा है।
बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले दो सप्ताह में भारत दौरे पर आए ब्रिटेन, चीन, ऑस्ट्रिया, ग्रीस और मैक्सिको समेत किसी भी देश के मंत्री से सार्वजनिक रूप से मुलाकात नहीं की थी। ऐसे में रूसी विदेश मंत्री के साथ पीएम मोदी की यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सर्गेई लावरोव ने आगे कहा कि भारत और रूस सामरिक भागीदारी को मजबूत करते रहे हैं और यह हमारी प्राथमिकता रही है। हम निश्चित रूप से विश्व व्यवस्था में संतुलन बनाने में रुचि रखते हैं। हमने अपने द्विपक्षीय संदर्भ को और मजबूत किया है।
लावरोव ने कहा कि वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से पीएम मोदी को “व्यक्तिगत रूप से संदेश” देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, 'राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी एक दूसरे के साथ नियमित संपर्क में हैं और मैं राष्ट्रपति को अपनी बातचीत के संबंध में रिपोर्ट करूँगा। वह जिस तरह से पीएम मोदी को अपना सर्वश्रेष्ठ सम्मान देते हैं और मैं व्यक्तिगत रूप से इस संदेश को देने के अवसर की तारीफ करता हूँ।' रूस-यूक्रेन के बीच भारत के एक मध्यस्थ बनने की संभावना पर रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अहम देश है। अगर भारत इस भूमिका को निभाना चाहता है, जो समस्या का निराकरण प्रदान करता है, अगर भारत वैश्विक समस्याओं के लिए न्यायसंगत और तर्कसंगत दृष्टिकोण के साथ है, तो हम ऐसी प्रक्रिया का समर्थन कर सकते हैं।
भारत को तेल आपूर्ति की पेशकश, रुपया-रूबल भुगतान और प्रतिबंधों को लेकर किए गए सवाल के जवाब में लावरोव ने कहा कि, 'यदि भारत हमसे कुछ भी खरीदना चाहता है, तो हम चर्चा करने और पारस्परिक तौर पर सहयोग तक सहमति बनाने के लिए तैयार हैं। हम भारत को किसी भी सामान की सप्लाई करने के लिए तैयार रहेंगे जो वह हमसे खरीदना चाहता है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। रूस और भारत के बीच काफी अच्छे संबंध हैं।' सुरक्षा चुनौतियों के मामले में भारत का समर्थन कैसे किया जा सकता है, इस सवाल पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जवाब देते हुए कहा कि, 'हमारी बातचीत उन संबंधों की खासियत है, जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं। संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं, यह वह आधार है जिस पर हम तमाम क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। मेरा मानना है कि भारतीय विदेश नीतियों की विशेषता स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर फोकस करना है। रूसी संघ में यही नीति कार्य करती है और यह हमें बड़ा देश, अच्छे दोस्त और वफादार भागीदार बनाती है।'
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से जब सवाल किया गया कि क्या भारत पर अमेरिकी दबाव, भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा, उन्होंने कहा कि, 'मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा। अमेरिका दूसरों को अपनी राजनीति का पालन करने के लिए विवश कर रहा है।'
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