पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कथित भाजपा समर्थक समाचार एंकरों के बहिष्कार के विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के फैसले का बचाव किया है। लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी शुक्रवार को दिल्ली से लौटने पर पटना में पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां इस आशय का निर्णय I.N.D.I.A. गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक के दौरान लिया गया था। उन्होंने हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ रामचरितमानस पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए अपनी पार्टी के सहयोगी और कैबिनेट मंत्री चंद्र शेखर को भी फटकार लगाई। विपक्षी गठबंधन के कदम के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, "संबंधित उप-समिति ने उन लोगों द्वारा आयोजित शो में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, जो कट्टर भाजपा समर्थक हैं और चीजों को भड़काने की कोशिश करते हैं।" हालाँकि, विपक्षी गठबंधन और तेजस्वी के बयान से एक सवाल यह भी उठता है कि, यदि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आने में कामयाब रहती है, तो क्या विपक्षी गठबंधन उन मतदाताओं का भी बहिष्कार करेगा, जिन्होंने भाजपा को वोट दिया ? क्योंकि लोकतंत्र की लड़ाई में किसी को जिताने या हराने वाली तो केवल जनता ही होती है।
वहीं, यदि गठबंधन की जीत होती है, तो क्या बहिष्कार किए गए पत्रकारों पर कोई कार्रवाई की जाएगी ? वैसे गौर करने वाली बात ये भी है कि, क्या अब विपक्षी दलों के नेता केवल उन्ही पत्रकारों से बात करना चाहेंगे, जो चुनावी समय में जनता के बीच माहौल बनाने में उनकी मदद करें ? दरअसल, कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद डिप्टी सीएम बने डीके शिवकुमार खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि, चुनाव जीतने में कुछ पत्रकारों ने उनके लिए काम किया था।
बहरहाल, बिहार में शिक्षा विभाग संभालने वाले चंद्र शेखर के बयानों के बारे में, तेजस्वी यादव ने कहा कि, "मेरे विचार में, उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा करने से बचना चाहिए और अपने विभाग के कामकाज पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।" हालांकि, तेजस्वी ने ये भी कहा कि, "मुझे इस तरह की नकारात्मक चीजों को लेकर मीडिया की बहुत अधिक चमक के खिलाफ भी शिकायत है। राज्य में शिक्षा विभाग ने हाल ही में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक अभियान चलाया था, जो अभूतपूर्व पैमाने पर था। मैंने शायद ही मुख्यधारा का मीडिया में इसका कोई कवरेज देखा हो।"
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बिहार यात्रा पर प्रकाश डालने की भी मांग की, जो शनिवार को मधुबनी जिले में एक रैली करने और अररिया में सशस्त्र सीमा बल के एक समारोह में भाग लेने वाले हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि, "इस दौरे से गृह मंत्री की पार्टी को फायदा हो सकता है। इससे बिहार को क्या मिलने वाला है? उनकी सरकार राज्य को विशेष पैकेज देने में विफल रही है, विशेष श्रेणी के दर्जे की लंबे समय से चली आ रही मांग के बारे में क्या कहा जाए।"
RJD नेता ने कहा, "गृह मंत्री लगभग हर महीने बिहार का दौरा करते रहे हैं। मेरी इच्छा है कि वह मणिपुर जाने के लिए कुछ समय निकालें, जहां उनकी पार्टी का शासन है और जहां स्थिति गृहयुद्ध जैसी है।" उन्होंने मीडिया के एक वर्ग में चल रही अटकलों का भी मजाक उड़ाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनका पिछले सप्ताहांत जी20 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया था, एक और उलटफेर की योजना बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि, "चीजें इस तरह से नहीं होती हैं। लेकिन, अगर भाजपा के लोग ऐसे परिदृश्य की कल्पना करके खुश महसूस करते हैं, तो उन्हें कुछ मिठाइयों का आनंद लेने दें। इससे वे कुछ समय के लिए देश भर में अपने नफरत भरे प्रचार को रोक देंगे।"