देश में बढ़ती सांप्रदायिक विभाजन के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बड़ी बात कही है। जी दरअसल यह पहली बार है जब मोदी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में किसी इतने ताकतवर अफसर ने इस मुद्दे पर बोलने का साहस दिखाया है। जी दरअसल देश के मौजूदा सांप्रदायिक हालात पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि, 'अब मूकदर्शक बने रहने के बजाय हमें अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ अपने मतभेदों पर जमीन पर काम करना होगा। हमें भारत के हर संप्रदाय को यह महसूस कराना होगा कि हम एक साथ एक देश हैं। हमें इस पर गर्व है यह कि हर धर्म के मानने वालों को आजादी के साथ अपने-अपने धर्म के अनुसार जीने की आजादी है।'
#WATCH | Delhi: "...We condemn when an incident occurs. It's time to do something. Need of hour to rein in & ban radical orgs. Be it any radical org, incl, they should be banned if there is evidence against them..," says Hazrat Syed Naseruddin Chishty in the presence of NSA Doval pic.twitter.com/cDJZoWAk50
— ANI (@ANI) July 30, 2022
जी दरअसल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बीते शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि, 'इस वक्त देश में कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत की प्रगति में बाधक है। वे धर्म विचारधारा के नाम पर कड़वाहट संघर्ष पैदा कर रहे हैं। यह सिर्फ देश को ही नहीं प्रभावित कर रहा है, बल्कि देश के बाहर भी तेजी के साथ फैल रहा है।' इसी के साथ उन्होंने कहा कि, 'इस वक्त दुनिया में संघर्ष का माहौल है। अगर हमें उस माहौल से निपटना है तो देश की एकता को एक साथ बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह तरक्की कर रहा है, उससे सभी धर्मों के लोगों को फायदा होगा।' जी दरअसल एनएसए डोभाल की मौजूदगी में हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि, 'अब किसी घटना के बाद सिर्फ निंदा से बात बनने वाली नहीं है। यह वक्त कुछ करने का है।'
इसी के साथ उन्होंने मांग की कि देश के माहौल को सही करने के लिए कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने के साथ ही उन पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 'कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, उनके खिलाफ सबूत होने पर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। इस मौके पर कई धर्मों के धर्माधिकारी उनके साथ मंच पर मौजूद थे।'
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