मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियाँ चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुटी हुई हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भाजपा से अलग होने के संदर्भ में कहा कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र के बाहर अन्य प्रदेशों में प्रसार नहीं किया, क्योंकि वे अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा के वोटों में सेंध नहीं लगाना चाहते थे।
मीडिया से चर्चा करते हुए ठाकरे ने कहा, "भाजपा के कारण हम दूसरे प्रदेशों में चुनाव नहीं लड़े। हमने खुद को पीछे रखा। हम इसलिए नहीं लड़े क्योंकि अपने सहयोगी दल के वोटों में सेंध नहीं लगाना चाहते थे।" उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना का यही सिद्धांत रहा है, जो उनके दादा बाला साहेब ठाकरे के वक़्त से चला आ रहा है। ज्ञातव्य है कि अतीत में अविभाजित शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन के बाद भी गोवा जैसे पड़ोसी प्रदेशों में चुनाव लड़ा था।
कुछ महीने पहले हुए 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस एवं एनसीपी (एसपी) के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, "यदि मेरे सहयोगी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो मुझे खुशी होगी। मेरे दादाजी इसी सिद्धांत का पालन करते थे तथा मेरे पिता भी इसी सिद्धांत का पालन करते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि यदि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी (एसपी) तथा कांग्रेस जबरदस्त प्रदर्शन करती हैं, तो हमें खुशी होगी क्योंकि हम सहयोगी हैं। आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि महाविकास अघाड़ी की सरकार बनना तय है। लोग बीजेपी की लूट एवं राजनीति से तंग आ चुके हैं, इसलिए परिवर्तन होना निश्चित है। भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताती है, किन्तु उनके पास ईडी, आईटी, सीबीआई और यहां तक कि चुनाव आयोग की मदद थी, फिर भी वे आम चुनाव में सिर्फ 9 सीटें ही जीत सकी।
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