नई दिल्ली: देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में शीर्ष अदालत तीन महीना पूरा करने जा रही है। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि इन तीन महीनों में सर्वोच्च न्यायालय ने 12471 मामलों का निपटारा किया, जबकि मामले मात्र 12108 ही दाखिल हुए। इससे पता चलता है कि बीते 3 महीनों में दाखिल के बजाय हमने अधिक मामले निपटाए। दरअसल, CJI, सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 73वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक व्याख्यान में बोल रहे थे।
CJI ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा शीर्ष अदालत के कार्य को लेकर की गई टिप्पणी पर एक बार फिर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट के लिए कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता, हर मामला महत्वपूर्ण है, क्योंकि, नागरिकों की शिकायतों से संबंधित छोटे और नियमित मामलों में ही संवैधानिक और न्यायशास्त्रीय महत्व के मुद्दे उभर कर सामने आते हैं। उल्लेखनीय है कि, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय को जमानत याचिकाओं और तुच्छ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए।
बता दें कि, CJI चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की 73वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित पहले वार्षिक व्याख्यान में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन ने 'बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका' पर व्याख्यान दिया था। चंद्रचूड़ ने कहा है कि, 'प्रारंभिक वर्षों के दौरान कोर्ट का कार्यभार आज हम जो देखते हैं, उसका एक अंश था। साल दर साल काम का बोझ बढ़ा है। अब हर दिन, शीर्ष अदालत सैकड़ों मामलों को देखती है। मगर, न्यायाधीशों और रजिस्ट्री के कर्मचारियों ने मामलों के त्वरित निपटान को सुनिश्चित करने के लिए जबरदस्त काम किया है।'
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