'जहाँ 500 सालों तक हुआ कुरान का जिक्र, वो मस्जिद हमने खो दी..', सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं मान रहे ओवैसी, मुस्लिमों को फिर भड़काया

'जहाँ 500 सालों तक हुआ कुरान का जिक्र, वो मस्जिद हमने खो दी..', सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं मान रहे ओवैसी, मुस्लिमों को फिर भड़काया
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हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी फिर से सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाले बयान दे रहे हैं। ओवैसी ने अब मुसलमान युवकों से कहा है कि वो लोग मस्जिदों को बचाएँ। ओवैसी ने कहा कि 500 वर्षों तक जहाँ कुरान-ए-करीम का जिक्र हुआ, वही मस्जिद हमने खो दी है। हालाँकि, हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने पूरे वीडियों में कहीं भी अयोध्या और राम मंदिर का नाम तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने 500 सालों की बात कहकर बाबरी मस्जिद की तरफ इशारा कर दिया।

 

ओवैसी ने खुद ये वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है, उन्होंने मुस्लिम युवाओं से कहा है कि, 'नौजवानों मैं तुमसे कह रहा हूँ, हमारी मस्जिद हमने गवाँ दी और वहाँ अब क्या हो रहा है, आप देख रहे हैं। नौजवानों, क्या तुम्हारे दिलों में तकलीफ नहीं होती? जहाँ 500 साल हमने बैठकर कुरान-ए-करीम का जिक्र किया हो, आज वो जगह हमारे पास नहीं है। नौजवानो, क्या तुमको नहीं दिख रहा कि तीन-चार और मस्जिदों को लेकर साजिश हो रही है, जिसमें दिल्ली की सुनहरी मस्जिद भी शामिल है।'

ओवैसी ने आगे कहा कि, 'ये जो ताकतें हैं, तुम्हारे दिलों से इत्तेहाद (मुस्लिम एकता का एक शब्द) को निकालना चाहते हैं। ये ऐसा क्यों चाहते हैं? क्योंकि मिल्ली गीरत (इस्लामी भावना) को समाप्त कर दिया जाए, मिल्ली हमीयत को खत्म कर दिया जाए। सालों की मेहनत के बाद आज हमारा एक मुकाम हमने खड़ा किया है। आपको इन चीजों पर ध्यान देना है। आप अपनी मिल्ली हमीयत को, अपनी ताकत को बरकरार रखो। अपनी मस्जिदों को आबाद रखो। कहीं ऐसा ना हो कि ये मस्जिदें हमसे छीन ली जाएँ। मुझे उम्मीद है, इंशाअल्लाह, आज का ये नौजवान जो कल का बूढ़ा होगा, वो अपनी नजरों को आगे रखकर, अपने दिमाग पर जोर डालकर सोचेगा कि किस तरह मुझे अपने आपको, अपने खानदान को, अपने शहर को, अपने मुहल्ले को बचाना है। इत्तेहाद एक ताकत है, इत्तेहाद एक नेमत है।' 

हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, सुप्रीम कोर्ट ने सालों तक सुनवाई करने के बाद, तमाम सबूतों को देखने के बाद, हिन्दुओं से उनके आराध्य श्रीराम के अस्तित्व का मांगने के बाद, ये फैसला सुनाया था कि, उस जगह पर मंदिर ही था, जिसे तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी, इसलिए न्याय के हिसाब से उस स्थान पर मंदिर ही होना चाहिए। भारत के बहुसंख्यक समुदाय ने संविधान के दायरे में रहकर और सालों लम्बी कानूनी लड़ाई लड़कर अपना हक हासिल किया। लेकिन, अब उसी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ओवैसी जैसे नेता मुस्लिम समुदाय को भड़का रहे हैं, लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वो कई बार ये भी कह चुके हैं कि, इंशाल्लाह, बाबरी जिन्दा है और जिन्दा रहेगी। क्या सुप्रीम कोर्ट के तहत ये बातें हेट स्पीच में नहीं आती हैं, या क्या अदालत इसपर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं कर सकती ? यदि इन भड़काऊ भाषणों से कहीं कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा ? वो भी ऐसे समय में जब 500 वर्ष बाद पुनः बने राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। 

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