अहमदाबाद: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर कहा कि देश को बांटने वाली ताकतों को जवाब देना होगा। गुजरात के केवड़िया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अतीत की तरह ही, भारत के उत्थान से परेशान होने वाली ताकतें आज भी सिर उठाए खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि, 'जातियों के नाम पर हमें लड़ाने के लिए कई तरह के नरेटिव गढ़े जाते हैं। इतिहास को भी इस तरह पेश किया जाता है कि जिससे देश जुड़े नहीं और दूर हो जाएं।'
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कई बार ये ताकतें, गुलामी की मानसिकता के रूप में हमारे भीतर घर कर जाती है और कई बार ये तुष्टिकरण के रूप में, कभी परिवारवाद के रूप में, कभी लालच एवं भ्रष्टाचार के रूप में हमारे दरवाजे पर दस्तक देती है, जो देश को बांटती और कमजोर करती है। उन्होंने कहा कि हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं और देश नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि, 'मैं 2022 में राष्ट्रीय एकता दिवस को बहुत विशेष अवसर के रूप में देख रहा हूं।'
पीएम मोदी ने कहा कि, 'हमारे देश के करोड़ों लोगों ने दशकों तक अपनी मौलिक आवश्यकताओं के लिए भी लंबी प्रतीक्षा की है। बुनियादी सुविधाओं की खाई जितनी कम होगी, एकता भी उतनी मजबूत होगी। इसलिए आज देश में सैचुरेशन (परिपूर्णता) के सिद्धांत पर कार्य हो रहा है।' पीएम मोदी ने इस दौरान सरदार पटेल का भी जिक्र करते हुए कहा कि यदि भारत के पास उनके जैसा नेतृत्व न होता, तो आज क्या होता। यदि 550 से अधिक रियासतें एकजुट न हुई होती, तो क्या होता। उन्होंने आगे कहा कि अधिकतर राजा रजवाड़े त्याग की पराकाष्ठा न दिखाते, तो आज हम जैसा भारत देख रहे हैं, हम उसकी कल्पना न कर पाते। ये काम सरदार पटेल ने ही सिद्ध किया है।
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