नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष वीआर चौधरी ने युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पहले हम छोटे और तेज युद्ध के लिए अपने आप को तैयार करते थे, मगर अब लंबे समय तक चलने वाले युद्धों के लिए तैयार रहने का वक़्त है। वायुसेना प्रमुख इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि आखिरकार रूस के साथ ऐसा क्या हुआ, जो यूक्रेन की तुलना में ज्यादा मजबूत होने के बाद भी युद्ध जीतने देने में नाकाम रहा।
रूस-यूक्रेन युद्ध के सबक पर जोर देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा कि युद्ध क्षेत्र पर वायु श्रेष्ठता की जरूरत महत्वपूर्ण है, मगर युद्ध में एक उद्देश्य का चयन नहीं देखा गया। एयरफोर्स चीफ ने इक्कीसवीं सदी में युद्ध लड़ने को लेकर कहा कि, 'लक्ष्य का चयन और रखरखाव, संघर्ष समाप्ति मानदंड और उचित रणनीति के साथ तकनीक का इस्तेमाल जैसी कुछ चीजें बेहद अहम हैं।' मीडिया से बात करते हुए वायु सेना प्रमुख ने मानव रहित हवाई वाहन (UAV) के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि UAV ड्रोन की तरह विवादित वायु रक्षा क्षेत्रों में कम उपयोगी होते हैं। हालांकि, एयरफोर्स आत्मनिर्भर भारत के तहत ड्रोन शामिल करेगी।
वायु सेना अध्यक्ष ने आगे कहा कि, 'लड़ाकू विमानों को लेकर कहा कि हम तकनीक और क्षमता के अंतर से समझौता किए बगैर स्वदेशी प्रोडक्शन पर फोकस करते रहेंगे।' एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि, 'हम स्पेस ऐप्लिकेशन की सहायता से एयर पावर को एयरोस्पेस पावर में बदलने के पक्षधर हैं, जो नेविगेशन, पोजिशन और टाइम मैपिंग में बहुत मददगार है।'
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