'फोन के माइक से सुनते हैं हर जानकारी', फेसबुक-गूगल की पार्टनर कंपनी का खुलासा

'फोन के माइक से सुनते हैं हर जानकारी', फेसबुक-गूगल की पार्टनर कंपनी का खुलासा
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मार्केटिंग फर्म कॉक्स मीडिया ग्रुप (CMG) ने स्वीकार किया है कि वह लोगों के स्मार्टफोन के माइक्रोफोन से उनकी बातचीत को सुनता है। यह कंपनी फेसबुक एवं गूगल के साथ काम करती है। CMG ने कहा है कि वह माइक्रोफोन से सुनी गई जानकारी का इस्तेमाल लोगों को विज्ञापन दिखाने के लिए करता है तथा उन्हें उनकी बातचीत के आधार पर विज्ञापन प्रदर्शित किए जाते हैं। यह खुलासा 26 अगस्त, 2024 को हुआ, जब CMG ने अपने निवेशकों को खबर दी कि वह बातचीत को सुनता है। CMG ने पिच डेक के चलते बताया कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल अपने एक सॉफ्टवेयर पर करता है, जो लाइव बातचीत को सुनता है तथा उससे डेटा एकत्र करता है।

कंपनी ने बताया है कि इस प्रक्रिया से लोगों की आदतों का पता चलता है, जिसके आधार पर उन्हें विज्ञापन दिखाए जाते हैं। CMG ने कहा कि लोग "अपनी बातचीत एवं ऑनलाइन व्यवहार के आधार पर एक डेटा ट्रेल छोड़ते हैं," जिसे AI-संचालित सॉफ़्टवेयर द्वारा एकत्र और विश्लेषित किया जाता है। कंपनी ने बताया है कि यह डेटा 470 से ज्यादा चैनलों से प्राप्त किया जाता है, जिसे विज्ञापन तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है। इस खुलासे के पश्चात्, Google ने कथित तौर पर CMG को अपनी "पार्टनर प्रोग्राम" वेबसाइट से हटा दिया है। एक बयान में Google के प्रवक्ता ने कहा, "सभी विज्ञापनदाताओं को सभी कानूनों एवं नियमों के साथ-साथ हमारी Google विज्ञापन नीतियों का पालन करना होता है। अगर कोई विज्ञापनदाता इन नीतियों का उल्लंघन करता है, तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।"

इसके अतिरिक्त, फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने कहा कि वह CMG के इस बयान के बाद समीक्षा कर रही है कि क्या इस कंपनी ने किसी नियम का उल्लंघन किया है। मेटा के प्रवक्ता ने कहा, "मेटा विज्ञापनों के लिए आपके फ़ोन के माइक का इस्तेमाल नहीं करता है तथा हम इस बारे में सालों से सार्वजनिक रूप से बता रहे हैं।" मेटा के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि वे कॉक्स मीडिया ग्रुप से संपर्क कर रहे हैं जिससे वे यह स्पष्ट कर सकें कि उनका प्रोग्राम मेटा के डेटा पर आधारित नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि अब हटाए गए एक ब्लॉग पोस्ट में, CMG ने यह बताया कि लोगों की बातचीत सुनने की कानूनी वैधता पर सवाल भी उठे हैं।

इस पोस्ट में कहा गया था, "फ़ोन और डिवाइस के लिए आपकी बात सुनना पूरी तरह से कानूनी है। जब कोई नया ऐप डाउनलोड या अपडेट किया जाता है, तो उपयोगकर्ताओं को उपयोग के समझौते दिखाए जाते हैं, जिनमें अक्सर उनकी बातचीत सुनने की शर्त सम्मिलित होती है।" पहले भी ऐसी कई रिपोर्टें आई हैं, जिनमें उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जब वे यात्रा एवं इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से लेकर कई चीजों के बारे में बातचीत करते हैं, तो तुरंत उन्हें उसी के विज्ञापन दिखाई देते हैं। ये विज्ञापन तब भी दिखाई देते हैं, जब उन्होंने इन चीजों के बारे में इंटरनेट पर खोज नहीं की होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या माइक से लैस डिवाइस उपयोगकर्ताओं की बातें सुन रहे हैं।

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