नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक पत्र जमकर वायरल हो रहा है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह पत्र जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा है। हालाँकि, अब खुद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया है। पहलवानों का कहना है कि ये चिट्ठी फर्जी है और उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है। रणविजय सिंह सहित कई पत्रकारों ने भी इस पत्र को अपने हैंडल से शेयर किया, जिससे यह वायरल हो गया। जिसके बाद पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगट ने भी ट्विटर पर सफाई देनी पड़ी है कि ऐसा कोई पत्र उन्होंने नहीं लिखा है।
Wrestlers Protest at Jantar Mantar Turns Violent Live Updates: An anonymous letter has been taking rounds of social media. People are claiming it's from the protesting wrestlers to Home Minister Amit Shah, but in the press conference Vinesh Phogat quashed such rumours saying no… pic.twitter.com/049HjP0a2H
— The Mooknayak English (@TheMooknayakEng) May 4, 2023
बता दें कि, वायरल हो रहे पत्र में पहलवानों की माँगों का फ़ौरन समाधान करने की माँग करते हुए लिखा गया है कि बीते 11 दिनों से पदक जीतने वाले पहलवान शांतिपूर्ण तरीके से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं और रात्रि विश्राम के दौरान बुधवार (3 मई, 2023) की रात दिल्ली पुलिस के 100 जवानों ने उन पर हमला कर दिया। पत्र में दुष्यंत फोगट और राहुल यादव नामक 2 पहलवानों का सर फोड़े जाने का इल्जाम भी लगाया गया है। साथ ही महिला पहलवान साक्षी मलिक और संगीता फोगट को भी पुरुष अधिकारियों द्वारा धक्के देने का इल्जाम लगाया गया है। इस पत्र में लिखा है कि अंतरराष्ट्रीय पहलवानों पर इस प्रकार से हमला करना और उन्हें अपमानित करना, उनके मनोबल को तोड़ने का काम कर रहा है। इसे देश की छवि को धूमिल करने वाला भी बताया गया है। साथ ही पत्र में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग की गई है। पत्र में लिखा है कि अलग-अलग स्थानों से इनके जो साथी हिरासत में लिए गए हैं, उन्हें फ़ौरन रिहा कर दिया जाए।
हमारी तरफ़ से ऐसा कोई लेटर नहीं लिखा गया है ????
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) May 4, 2023
फेक लेटर है। https://t.co/2PrRAx6kYa
इसके साथ ही वायरल पत्र में माँग की गई है कि पहलवानों के लिए वॉटरप्रूफ टेंट, मजबूत स्टेज, पलंग, साउंड सिस्टम, गद्दे, प्रैक्टिस के लिए कुश्ती मैट और जिम के सामान मुहैया कराए जाएं। इसके साथ ही पत्र में सरकार के उच्चाधिकारियों से भी फ़ौरन बातचीत कराए जाने की माँग रखी गई है।
हालाँकि, अब जब प्रदर्शनकारी पहलवानों ने ही स्पष्ट कर दिया है कि ये पत्र उनका नहीं है, इससे स्पष्ट है कि ये फर्जी है और किसी ने जानबूझ कर लिख कर इसे फैलाया है।
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