कटक : तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख....इस फिल्मी डायलॉग को तो आपने सुना ही होगा। आप जानते है इन तारीखों का कारण देश में जजों की कमी है, जिससे निपटने के लिए देश को 70,000 से अधिक जजों की तत्काल जरुरत है। ये बात खुद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कही है।
न्यायधीश टी एस ठाकुर ने जजों की संख्या औऱ आबादी के बीच के अनुपात पर चिंता जताते हुए कहा कि न्याय तक सबकी पहुंच होना मौलिक अधिकार है और सरकार किसी को भी इससे वंचित नहीं कर सकती। हाल ही में नई दिल्ली में हुए एक सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के समक्ष भावुक हुए ठाकुर ने एक बार फिर से इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है।
वो कटक में उच्च न्यायलय की सर्किट पीठ के शताब्दी समारोह के मौके पर कानून विशेषज्ञों को संबोधित कर रहे् थे। उन्होने कहा कि एक ओर हम यह सुनिश्चित करने में लगे है कि न्यायधीशों की नियुक्ति जल्द हो, लेकिन इसके लिए इस प्रक्रिया से जुड़ी मशीनरी बहुत धीमी गति से काम कर रही है।
आगे उन्होने अपने संबोधन में कहा कि उच्च न्यायलय की नियुक्ति से जुड़े करीब 170 प्रस्ताव अब भी सरकार के पास लंबित है। हाल ही में हमने यह मामला पीएम के संज्ञान में लाया है और अनुरोध किया गया है कि नियुक्तियां जल्दी हो।