'हम चाहते हैं सदन चले लेकिन...', ओम बिरला से मुलाकात के बाद बोले राहुल गांधी

'हम चाहते हैं सदन चले लेकिन...', ओम बिरला से मुलाकात के बाद बोले राहुल गांधी
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नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र इस समय चल रहा है तथा इस के चलते विभिन्न मुद्दों पर सदन में निरंतर हंगामा हो रहा है। आज भी विपक्षी दलों ने अडानी मुद्दे को लेकर संसद में विरोध प्रदर्शन किया। विरोध के चलते विपक्षी नेताओं ने सत्ता पक्ष के नेताओं को फूल और तिरंगा देने की बात कही। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "हमने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की तथा उनसे यह कहा कि हम चाहते हैं कि सदन चले, हम इसमें कोई विघ्न नहीं डालना चाहते।"

राहुल गांधी ने संसद में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "भाजपा लगातार हम पर आरोप लगाती रहती है, मगर हम चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही किसी भी प्रकार के उकसावे के बावजूद चलती रहे। हम हर तरह से डिबेट चाहते हैं, चाहे वो मेरे बारे में कुछ भी बोलें लेकिन हम चर्चा चाहते हैं."  उन्होंने कहा, "भाजपा लगातार सोरोस पर आरोप लगाती रहेगी, मगर मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ऐसे आरोपों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी मुख्य चिंता यह है कि सदन की कार्यवाही हो तथा सभी मुद्दों पर चर्चा हो। हमें यह विश्वास है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही समस्याओं का समाधान संभव है, इसलिए हम चाहते हैं कि सदन चले।"

कांग्रेस का अनोखा विरोध प्रदर्शन संसद में अडानी मुद्दे पर हो रहे विरोध के हिस्से के रूप में, राहुल गांधी ने एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को गुलाब का फूल एवं तिरंगा भेंट किया। यह घटना तब हुई जब राजनाथ सिंह संसद में प्रवेश करने के लिए अपनी कार से उतर रहे थे। जैसे ही वे संसद के परिसर में पहुंचे, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता उनके पास गए तथा उन्हें गुलाब का फूल और तिरंगा भेंट किया। यह वाकया संसद के बाहर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ। कांग्रेस पार्टी के इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाना था कि वह अमेरिका में अडानी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा से बचने का प्रयास कर रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार जानबूझकर इस अहम मुद्दे से ध्यान भटका रही है जिससे अडानी समूह और उनकी कंपनियों पर लगे गंभीर आरोपों की जांच से ध्यान हटाया जा सके।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का यह आरोप है कि सरकार अडानी समूह के हितों का बचाव कर रही है तथा संसद में इस मुद्दे पर बहस को टालने का प्रयास कर रही है। इन आरोपों के बीच, राहुल गांधी एवं कांग्रेस पार्टी के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अडानी मुद्दे पर संसद में खुलकर चर्चा होनी चाहिए तथा इस मुद्दे की गहराई से जांच की जानी चाहिए। विपक्ष का यह भी कहना है कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए एवं संसद में पारदर्शिता के साथ कार्य करना चाहिए, जिससे जनता को सही जानकारी प्राप्त हो सके। विपक्षी दलों का यह भी कहना है कि अगर संसद में इस प्रकार के गंभीर मुद्दों पर चर्चा नहीं होती है, तो यह लोकतंत्र की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

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