नई दिल्ली: नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के INDIA गठबंधन के फैसले को विस्तार से बताते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार ने उन दो राज्यों के लिए अपना खजाना खोल दिया है, जिन पर वह निर्भर है। पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि उन्हें यकीन था कि प्रधानमंत्री न्याय नहीं कर सकते और इसलिए उन्होंने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खेड़ा ने कहा कि, "जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे चुनाव प्रचार में डबल इंजन सरकार की बात कर रहे थे, तो हमें लगा कि वह चुनाव के बाद बंद कर देंगे, लेकिन बजट में भी उन्होंने उन दो राज्यों के लिए अपना खजाना खोल दिया, जिन पर वे निर्भर हैं, चाहे वह नीतीश कुमार की पार्टी हो या एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी। राजस्थान और महाराष्ट्र को इसलिए दंडित किया गया क्योंकि भाजपा को इन दो राज्यों में पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं।" हालाँकि, सोचने वाली बात ये भी है कि महाराष्ट्र में कुछ ही महीने में चुनाव होने वाले हैं, अगर कांग्रेस के आरोप मानें भी जाएं तो कौन सा ऐसा सत्ताधारी दल होगा जो चुनावी राज्य में पैसा ना देने का जोखिम उठाएगा ? जबकी दोनों राज्यों में NDA ही सत्ता में है।
बहरहाल, खेड़ा ने आगे कहा कि, "हमें यकीन था कि ऐसी मानसिकता वाले प्रधानमंत्री न्याय नहीं कर सकते और इसीलिए हमने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया। वे राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्रियों के साथ न्याय नहीं कर सकते। यहां तक कि बैठक में गईं ममता बनर्जी को भी बोलने नहीं दिया गया, उनका माइक बंद कर दिया गया।"
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