तेहरान: ईरान और इजरायल के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है, और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका और इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है। खामेनेई ने हाल के हमलों को लेकर कहा कि ईरान एक “कठोर जवाब” देने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह बयान उन्होंने तेहरान में एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जो 1979 में कट्टरपंथी छात्रों द्वारा अमेरिकी दूतावास पर कब्ज़ा करने की वर्षगांठ से पहले आयोजित किया गया था। उस ऐतिहासिक घटना ने ईरान और अमेरिका के रिश्तों में स्थायी दुश्मनी पैदा कर दी थी, जो अब भी कायम है।
खामेनेई ने राजधानी तेहरान में यह स्पष्ट किया कि ईरान के दुश्मनों, चाहे वे अमेरिका हों या इजरायल (जिन्हें उन्होंने "ज़ायोनी शासन" कहा), को उनके कार्यों का जवाब जरूर मिलेगा। उन्होंने ईरान समर्थित संगठनों, जैसे यमन के हूती, लेबनान के हिज़्बुल्लाह, और फिलिस्तीनी हमास का भी उल्लेख किया, लेकिन यह नहीं बताया कि ईरान कब और किस हद तक जवाब देगा।
इससे पहले, खामेनेई ने कहा था कि ईरानी अधिकारी इजरायली हमले का मूल्यांकन कर रहे हैं और प्रतिक्रिया को संतुलित रूप से देखा जाना चाहिए—न तो इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए, और न ही इसे हल्का समझा जाए। हाल ही में इजरायली सेना ने ईरान में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमला किया था, जिसमें इलम, खुज़ेस्तान और तेहरान में लगभग 20 ठिकानों पर हमले किए गए।
खामेनेई ने शनिवार को तेहरान में छात्रों से भी मुलाकात की। यह कार्यक्रम 4 नवंबर, 1978 की घटना की याद में आयोजित किया गया था, जब शाह के शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे तेहरान विश्वविद्यालय के छात्रों पर सैनिकों ने गोलियां चलाई थीं। कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साह के साथ खामेनेई का स्वागत किया और उनके प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए दुनियाभर के कई देशों ने ईरान और इजरायल से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन फिलहाल ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की आशंका बनी हुई है।
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