लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के बीच हाल ही में तीखी राजनीतिक बहस देखने को मिली। यह विवाद खासतौर पर बुलडोजर एक्शन को लेकर आरम्भ हुआ तथा फिर कई अन्य मुद्दों तक फैल गया, जैसे 'ब्लड प्रेशर', 'मुख्यमंत्री आवास का नक्शा', और 'टीपू सुल्तान'।
अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यालय में एक बैठक के दौरान कहा कि "यदि आप और आपका बुलडोजर इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोज़र’ चुनाव चिन्ह लेकर चुनाव लड़ जाइए. आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी. वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप भाजपा में होते हुए भी ‘नहीं’ के बराबर ही हैं. अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी." तत्पश्चात, अखिलेश के इस बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया, उन्होंने कहा कि बुलडोजर पर हर एक व्यक्ति का हाथ सेट नहीं हो सकता. दंगाइयों के आगे नतमस्तक होने वाले लोग ये नहीं कर सकते. अखिलेश ये बात जानते हैं. फिर मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि 2017 से पहले जो लोग लूट खसोट करते थे वो 'टीपू' भी अब 'सुल्तान' बनने चले हैं.
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा बुलडोजर का इस्तेमाल चयनात्मक तरीके से कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से पूछा कि लखनऊ में बिना नक्शा पास किए होटल में आग लगने के बाद बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया, जैसा कि सीएम ने 24 घंटे में बुलडोजर चलाने का वादा किया था। अखिलेश ने यह भी सवाल उठाया कि सीएम आवास का नक्शा पास है या नहीं। मुख्यमंत्री योगी के बयान पर जवाब देते हुए, अखिलेश ने कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं होता, बल्कि स्टीरिंग होता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि योगी को अब दिल्ली जाकर बैठना चाहिए क्योंकि उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया है।
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