'बस 7 दिन इंतज़ार करेंगे, फिर..', सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों ने दिया अल्टीमेटम

'बस 7 दिन इंतज़ार करेंगे, फिर..', सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों ने दिया अल्टीमेटम
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नई दिल्ली: दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों ने 2 दिसंबर को जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे दिल्ली और ग्रेटर नोएडा के बीच एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया। किसानों ने दिल्ली कूच करने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रशासन ने उनसे बातचीत करके उन्हें शांत करने की कोशिश की। अंततः किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर धरना देने का फैसला किया और दिल्ली जाने के अपने इरादे को रोक दिया। 

लेकिन किसान नेताओं ने अल्टीमेटम दिया है, कि वे केवल 7 दिन इंतज़ार करेंगे और अगर इस बीच सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो वे दिल्ली कूच करेंगे।  किसानों की मुख्य मांगें दो मुद्दों पर आधारित थीं। पहला, उनकी मांग थी कि जो जमीन उनसे अधिग्रहित की गई है, उसका 10% हिस्सा उन्हें डेवलप एरिया के रूप में दिया जाए। दूसरा, उनका कहना था कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को नोएडा और आसपास के इलाकों में भी लागू किया जाए, ताकि उन्हें ज्यादा मुआवजा मिल सके। 

1 दिसंबर को अधिकारियों के साथ किसानों की बातचीत हुई थी, लेकिन वह सफल नहीं रही। इसके बाद किसानों ने 2 दिसंबर को अपनी योजना को अमल में लाने की घोषणा की। बाद में, प्रशासन ने उन्हें मनाया और उन्होंने दलित प्रेरणा स्थल पर धरना देने का निर्णय लिया। किसानों और अधिकारियों के बीच सहमति बनी कि अगले हफ्ते उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से उनकी बातचीत होगी। यदि बातचीत सफल रहती है, तो किसान अपने घर लौट जाएंगे, लेकिन अगर चर्चा में कोई समाधान नहीं निकलता, तो वे फिर से दिल्ली कूच करने का विचार करेंगे। 

इस बीच, नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक स्थिति सामान्य हो गई है। वहीं, नई दिल्ली क्षेत्र में बीएनएस धारा 163 लागू कर दी गई है, और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। संयुक्त सीपी संजय कुमार ने बताया कि संसद सत्र को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है, ताकि बिना अनुमति के कोई भीड़ इन क्षेत्रों में प्रवेश न कर सके।

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