अहमदाबाद: गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास हुए बुलडोजर एक्शन के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पाटनी मुस्लिम जमात द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि अगर आदेश का उल्लंघन हुआ है, तो इसे बहाल करने का निर्देश दिया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों को जेल भेजा जा सकता है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि बुलडोजर की कार्रवाई गलत पाई जाती है, तो सरकार को ढांचे को फिर से बनवाना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सोमनाथ के डीएम और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा। गुजरात सरकार को भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा यथास्थिति बनाए रखने की मांग को खारिज कर दिया। अवमानना याचिका में दावा किया गया है कि गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में कई सदियों पुरानी मस्जिदें, मकबरे और मुतवल्लियों के घरों को अवैध तरीके से तोड़ा गया है। याचिका के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्रवाई पर रोक के बावजूद तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई, जो अदालत के आदेश का उल्लंघन है। इसमें सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है।
इससे पहले 1 अक्टूबर को बुलडोजर कार्रवाई के मामलों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने कहा था कि गैरकानूनी कब्जों को हटाने पर कोई रोक नहीं है और अंतरिम रोक जारी रहेगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका आदेश अतिक्रमणकारियों के पक्ष में नहीं जाएगा।
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