नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वर्तमान में अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उनके द्वारा सिख समुदाय के अधिकारों पर दिए गए बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान सिख समुदाय के धार्मिक प्रतीकों जैसे पगड़ी और कड़ा पहनने के अधिकार पर सवाल उठाए थे। इस बयान के बाद भलिंदर सिंह वीरमानी, जो अमेरिका में एक मीडिया हाउस के CEO हैं और स्वयं सिख हैं, ने राहुल गांधी के बयान को गलत और तथ्यहीन करार दिया है।
राहुल गांधी शर्म करो..
— Panchjanya (@epanchjanya) September 11, 2024
राहुल गांधी मुर्दाबाद..
सिख समाज के लोगों ने भारी संख्या में राहुल गांधी के आवास के बाहर किया प्रदर्शन।
राहुल गांधी के अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान के खिलाफ सड़कों पर उतरा सिख समाज। pic.twitter.com/jIMSxrgslN
भलिंदर सिंह ने कहा कि वे पगड़ी और कड़ा पहनकर भारत में आ सकते हैं और अब तक किसी सिख को इस वजह से कोई समस्या नहीं आई है। उन्होंने राहुल गांधी की टिप्पणियों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह मुद्दा पूरी तरह से काल्पनिक है और इससे सिखों को कोई वास्तविक समस्या नहीं है।
"राहुल गांधी अपने पीछे बहुत सारे सवाल छोड़ गए। उन्होंने अपने पीछे ही बैठे व्यक्ति से क्यों नहीं पूछा की क्या भारत में सिख को धार्मिक आज़ादी है या नहीं.... उन्होंने बिना किसी रिपोर्ट के एक स्टेटमेंट दे दिया।"-
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) September 12, 2024
भलिंदर सिंह
(राहुल गांधी के कार्यक्रम में शामिल सिख ) pic.twitter.com/WB4wOOgzio
भलिंदर ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने सभा के बाद तुरंत हॉल छोड़ दिया और सवाल पूछने का कोई अवसर नहीं दिया। इसके साथ ही भलिंदर ने खालिस्तानी आतंकी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) द्वारा राहुल गांधी के बयान के समर्थन पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को मंच का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए था और इस प्रकार के विवादित बयानों से बचना चाहिए।
भारत से लेकर कनाडा और अमेरिका तक सिखों को खालिस्तान के नाम पर भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है और राहुल गांधी इस आग में केरोसिन डालने का काम कर रहे हैं। अमेरिका में वो सिखों से कह रहे हैं कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि सिख पगड़ी पहन सकते हैं,या नहीं, कड़ा पहन सकते हैं या नहीं।… pic.twitter.com/BT6wxdRwRx
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) September 10, 2024
अब सवाल यह उठता है कि राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को लेकर सिख समुदाय ही विरोध कर रहा है, तो उन्होंने विदेशी धरती पर ऐसा झूठा बयान क्यों दिया? जब सिख खुद ही राहुल गांधी के बयान को नकार रहे हैं, तो राहुल विदेशी धरती पर जाकर इस तरह के झूठे बयान क्यों दे रहे हैं ? एक आतंकी संगठन का राहुल गांधी को समर्थन देना आखिर भारतीयों को क्या सन्देश दे रहा है ? क्या विदेशी धरती पर कोई भारत विरोधी साजिश रची जा रही है, जिसमे राहुल गांधी भी शामिल हैं ? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि राहुल अमेरिका में ऐसे लोगों से मिले हैं, जिनका बैकग्राउंड विवादित है। एक अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू, जो दूसरे देशों में जनता को भड़काकर, आंदोलन खड़े कर तख्तापलट के लिए कुख्यात है, उससे भी राहुल गांधी की मीटिंग हुई है। वहीं, भारत को लेकर अक्सर जहर उगलने वाली पाकिस्तान समर्थक सांसद इल्हाना उमर से भी राहुल की बैठक हुई है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं।
राहुल को पाकिस्तान आम भेजता है
— दीपक शाण्डिल्य (@ViewGraam) September 11, 2024
राहुल को खलिस्तानी पन्नू धन्यवाद देता है
राहुल के साथ इलियाना ओमर का साथ है ।
ये तीनों चाहते हैं देश में मोदी की जगह देश में राहुल हो ।
अब आप बताओ आपका पक्ष क्या है देशहित या राहुल गांधी ? #Rahul_Gandhi_in_US pic.twitter.com/RvjPv57Mzr
इन भारत विरोधी लोगों से मुलाकात और विदेश में भारत की छवि खराब करने वाले झूठे बयान, राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा करते हैं ? खासकर ऐसे समय में जब हाल ही में हमने बांग्लादेश की स्थिति देखी है, जहाँ सरकार विरोधी प्रदर्शन की आड़ में किस तरह कट्टरपंथियों ने शासन अपने हाथ में ले लिया है, इस तख्तापलट में भी डोनाल्ड लू का नाम सामने आया है। क्योंकि अमेरिका हर जगह ऐसी सरकार बिठाना चाहता है, जो उसके इशारे पर चले, मौजूदा भारत अपनी आज़ाद विदेश नीति के जरिए दुनिया में मशहूर हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, और भारत को भी आँख दिखाने की कोशिश की थी, कि वो रूस से व्यापार ना करे। लेकिन भारत सरकार ने दो टूक कह दिया कि वो अपने देश और देशवासियों के हित को देखकर फैसला लेगी, रूस हमें सस्ता तेल दे रहा है, तो अमेरिका की धमकियों के बावजूद भारत खरीद रहा है। ऐसे में चीन, पाकिस्तान के साथ अमेरिका को भी भारत की मौजूदा सरकार से समस्या हो सकती है और वो बांग्लादेश जैसी साजिश को हवा दे सकता है। वहीं, भारत में भी कुछ विपक्षी नेताओं ने बांग्लादेश बनाने की धमकी दी है।
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