नई दिल्ली : देश में बारिश और ओलावृष्टि किसानों की मेहनत पर कहर बरपा सकती है। मौसम विभाग ने 16 अप्रैल से उत्तराखंड में भारी ओलावृष्टि व तेज हवा चलने का पूर्वानुमान जारी किया है। इस समय पहाड़ों में जहां सेब पर फूल आने का दौर चल रहा है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में आम, लीची में बौर निकल रही हैं, जबकि मैदानी क्षेत्रों में गेहूं की फसल पक कर तैयार हैं। यदि बारिश और ओलावृष्टि होती है, तो इन फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
झारखण्ड में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, तीन नक्सलियों को किया ढेर
इन फसलों को हो सकता है नुकसान
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में इस बार अच्छी बर्फबारी होने से किसानों ने सेब की बंफर पैदावार होने की उम्मीद लगाई है। इन दिनों उत्तरकाशी जिले समेत अन्य सेब उत्पादक क्षेत्रों में सेब पर फूल आने का दौर चल रहा है। ऐसे समय में ओलावृष्टि और बारिश सेब की फसल के लिए सबसे घातक है। ओले पड़ने से सेब के पेड़ों से फूल झड़ने के कारण सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा।
सोसायटी परिसर में आवारा कुत्तों को खाना खिलाना पड़ा महंगा, अब भरना होगा इतना जुर्माना
किसानों की हुई ऐसी हालत
इसी के साथ मैदानी जिलों में आम, लीची में बौर निकल रहे हैं। निचले क्षेत्रों में गेहूं की फसल पर पक कर तैयार हो चुकी है। जिन किसानों ने गेहूं काट कर खेतों में रखा है। वह बारिश के कारण खराब हो सकती है। प्रगतिशील बागवान का कहना है कि ओलावृष्टि से सेब की फसल चौपट हो जाएगी। इस समय सेब की फ्लावरिंग के लिए मौसम साफ होना जरूरी है, तभी सही ढंग से फूल मजबूत हो पाएंगे।
250 फीट गहरी खाई में गिरी अनियंत्रित जीप, एक की मौत कई घायल