नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस बार सामान्य रहने की उम्मीद व्यक्त की है। हालांकि मौसम विभाग ने अलनीनो की आशंका लगाई है, लेकिन इसका प्रभाव न के बराबर रहेगा।
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ऐसा है इस बार मानसून का गणित
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मानसून देशभर में करीब 96 फीसदी रहेगा। इस पूर्वानुमान में पांच फीसदी का मार्जिन ऑफ ऐरर हो सकता है। खेती के लिए और देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह मानसून जरूरी होता है, क्योंकि जून से लेकर के सितंबर के बीच देश में 70 फीसदी बारिश होती है। अगर देश में 96 से लेकर के 104 फीसदी बारिश होती है तो फिर उसे सामान्य मानसून माना जाता है। वहीं 90 से 96 फीसदी के बीच हुई बारिश सामान्य से नीचे माना जाता है। 90 फीसदी से कम बारिश को कमजोर मानसून माना जाता है।
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गर्मी की रहेगी ऐसी स्तिथि
जानकारी के लिए बता दें पिछले पांच साल में तीन साल देश में सूखा पड़ा है। 2014, 2015 और 2018 में बारिश 90 फीसदी से कम हुई थी। वही मई से जून के पहले हफ्ते तक भी इन क्षेत्रों में 4 से 5 डिग्री तक अधिक गर्मी पड़ेगी। दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभी हीटवेव की स्थिति नहीं है, लेकिन यहां भी गर्मी बढ़ेगी। हालांकि उत्तरी और उत्तर पश्चिमी भारत के हिस्सों में प्री-मानसून एक्टिविटी बार-बार होती रहेगी।
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