भारतीय भारोत्तोलकों ने इतिहास रचते हुए विश्व यूथ भारोत्तोलन चैंपियनशिप में पहली बार टीम ट्रॉफी जीतने का गौरव को अपने नाम कर लिया है। लड़कों में इंडियन टीम दूसरे और लड़कियों में तीसरे स्थान पर थी। पहली बार इंडियन भारात्तोलकों ने चैंपियनशिप में कुल 14 पदक भी जीत लिए है। लड़कों ने तीन रजत और छह कांस्य, जबकि लड़कियों ने एक रजत और चार गोल्ड मेडल भी जीत लिया है।
भारोत्तोलन संघ के अध्यक्ष सहदेव यादव के मुताबिक 25 मार्च से एक अप्रैल तक डोरेस (अल्बानिया) में हुई इस चैंपियनशिप में लड़कों ने कुल 413 और लड़कियों ने 393 अंक अपने नाम कर लिए है। लड़कियों में 591 अंक के साथ मिस्र पहले, 418 के साथ अमेरिका दूसरे स्थान रहे। लड़कों में आर्मेनिया 536 के साथ पहले और कजाखस्तान 369 अंक के साथ तीसरे नंबर पर बने हुए है। इस चैंपियनशिप में जोशना, आकांक्षा, अस्मिता, कोयल, मीना, संजना, मार्टिना, धनुष, तुफेल, गुरुनायडू, तोमछोऊ मितेई, गोलोम और भराली ने भाग लिया ने हिस्सा ले लिया है।
इसके पहले ख़बरें थी कि ज्योश्ना ने स्नैच वर्ग में सिल्वर मेडल जीता लेकिन वह क्लीन एवं जर्क वर्ग में 7 भारोत्तोलकों में छठे स्थान पर थीं। वहीं धनुष ने पुरूषों की 49 किग्रा स्पर्धा में कुल 200 किग्रा (88 किग्रा और 112 किग्रा) का वजन उठा लिया जिससे वह फिलीपींस के प्रिंस के. डेलोस सांतोस और इरोन बोरेस से पीछे तीसरे स्थान पर रहे। इस 16 साल के भारोत्तोलक ने स्नैच वर्ग में सिल्वर मेडल जीता। युवा चैम्पियनशिप में 13 से 17 वर्ष के भारोत्तोलक भाग ले सकते हैं।
महाद्वीपीय और विश्व चैम्पियनशिप में स्नैच, क्लीन एवं जर्क तथा कुल वजन वर्ग में मेडल अलग अलग दिए जाते हैं लेकिन ओलंपिक खेलों में कुल वजन वर्ग के लिये केवल एक पदक भी प्रदान किया जा रहा है।
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