कई बार सरकार डेवलपमेंट ने इरादे से पुराने घरों को हटाने के सुझाव देती है और नए प्रोग्राम्स और नयी स्कीम लागू करती है. इस प्रक्रिया में पुराने घरों को तोड़ कर नए मकानों का निर्माण किया जाता है. कई बार कुछ मकानों को तोड़कर वहां सड़क निर्माण या फिर किसी हाईवे का निर्माण किया जाता है. कुछ लोग अपने पुराने मकान से इतना प्यार करते हैं कि उसे तोड़े जाने के फैसले का विरोध कर बैठते हैं, और इस विरोध का क्या नतीजा रहता है वो आप हमारी इन फोटो स्लाइड्स में देख सकते हैं.
चीन की सरकार ने वहां हाईवे बनाने के दौरान कई लोगों का घर तोड़ दिया था, लेकिन इस मकान मालिक इतना जिद्दी था कि वह टस से मस नहीं हुआ इस कारण सरकार के साथ मालिक का कॉन्ट्रेक्ट नहीं हो पाया. सरकार ने इस व्यक्ति के फैसले को मानते हुए मकान के अगल-बगल से ही हाईवे बना डाला. लेकिन अब इस मकान में कोई नहीं रहता, फिर भी इस इमारत को सरकार के खिलाफ किए गए विरोध की निशानी के तौर पर देखा जाता है
चीन के एक परिवार का सरकार के विरोध का एक और नमूना. सरकार ने इस तरह बना डाली सड़क.
ब्रिज के नीचे मौजूद ये घर भी इसी जिद्द का नतीजा है.
नॉर्थ फ्रांस के रौबैक्स में रहने वाले सलाह ओउद्जनी जिस कॉफी हाउस में पिछले 46 साल से काम कर रहे थे, उन्होंने उसे बेचने से इनकार कर दिया था.
जुलाई 2013 में चीन के डेवलपमेंट मैनेजर्स ने बीच में मौजूद इस छोटे से घर के मालिक को पैसे देकर वहां से हटाने की कोशिश की लेकिन साडी कोशिशें नाकामयाब रही.
चीन के कुनमिंग में इस घर एक लोगों को हटाने के लिए कॉन्ट्रैक्टर्स ने घर के चारों तरह गहरा गड्ढा बना दिया.
शंघाई के ट्रैफिक को रोकती बीच सड़क बनी ये इमारत.
अप्रैल 2015 में चीन के नाननिंग में बने इस सोसाइटी ने जगह खाली करने से इनकार कर दिया.
चीन की मिसेज वू पिंग ने तीन साल तक कॉन्ट्रैक्टर्स से लड़ाई लड़ी. उन्हें हटाने के लिए इस तरह से घर के चारों तरफ की जमीन हटा दी गई, आखिर में उन्हें घर छोड़ना पड़ा.
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