आदिवासियों और जनजातियों की एक अलग ही दुनिया है और उनके अलग जीने का अलग ढंग है. जहाँ पूरी दुनिया अवसरों की तलाश में एक छोर से छोर तक घूम रही तो वहीँ जनजातियों के समुदाय अपनी प्राचीन परम्पराओं आज भी निभा रहे हैं और वो अपने पूर्वजों के बनाये गए रीति-रिवाजों को पूरी आस्था से निभा रहे हैं. हर जनजातियों में अलग-अलग नियम कायदे होते होते हैं. जानकर हैरानी होगी एक जनजाति में मृतक व्यक्ति के शव के देह संस्कार की अजीब प्रथा है. यहाँ पर जब किसी की मृत्यु हो जाती है तब मृतक देह को दफनाने की बजाए जलाया जाता है. इतना ही नहीं हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इसके बाद जले हुए शरीर को दोबारा अग्नि से निकाल कर ममी के रूप में रखा जाता है.
हम बात कर रहे हैं पापुआ न्यू गीनिया में दानी नाम की जनजाति की जिसमें मृतक के देह को आधा जलाकर सालों तक ममी बना कर अपने घर में रखा जाता है. इसी पीछे की वजह अपने परिवारिक सदस्य को मरने के बाद श्रद्धांजलि देना है. हालाँकि अब जनजातियों में भी बदलाव देखने मिलने लगा है. सरकारें इनके जीवन स्तर को सुधारें का पूरा प्रयास कर रही हैं. अब इस कबीले में भी इस परंपरा का पालन नहीं किया जाता. किसी कारण इस प्रथा को लोग अब मानना छोड़ रहे हैं लेकिन जो मृत शरीर पहले से ही सहेज कर रखे जा चुके हैं,ऐसा ममी को देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं. इस अनोखे तकीर से संभाल कर रखे हुए मृत शरीर यहां का खास आकर्षण बने हुए हैं.
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