कोलकाता: ईद उल अजहा (Eid ul adha 2021) यानी बकरीद का पर्व आज पूरे विश्व में मनाया जा रहा है. किन्तु इस त्योहार को 33 वर्षीय एक मुस्लिम शख्स ने बिना मटन बिरयानी खाकर मनाने का निर्णय लिया है. पश्चिम बंगाल के कोलकाता के निवासी अल्ताब हुसैन ने ईद पर जानवरों की कुर्बानी के विरुद्ध आवाज उठाते हुए 72 घंटे का रोजा (उपवास) रखा है. हुसैन का यह रोजा मंगलवार रात से शुरू हुआ. हर बार की तरह हुसैन के भाई ईद के अवसर पर काटने के लिए बकरा लाए, इसे देखकर वह बेहद दुखी थे.
अल्ताब हुसैन ने कहा कि, 'पशुओं के प्रति क्रूरता काफी बढ़ गई है और कोई इसके विरुद्ध आवाज नहीं उठा रहा. मैं इसकी ओर लोगों का ध्यान खींचना चाहता हूं, इसलिए 72 घंटे का रोज़ा करने का फैसला किया है.' बता दें कि अल्ताब हुसैन वर्ष 2014 में शाकाहारी कार्यकर्ता बने थे. उस समय हुसैन ने डेयरी कारोबार से संबंधित एक वीडियो देखा था, जिसमें पशु के साथ क्रूरता की जा रही थी. उसके बाद से उन्होंने मांस खाना बंद कर दिया. यही नहीं वह चमड़े के उत्पाद का भी इस्तेमाल नहीं करते. तीन वर्ष पूर्व भी हुसैन के भाई कुर्बानी के लिए घर में जानवर लाए थे, जिनको उन्होंने किसी प्रकार बचा लिया था. किन्तु परिवार अब भी हुसैन के विचारों से सहमत नहीं है, उनको अब भी लगता है कि कुर्बानी आवश्यक है.
हुसैन कहते हैं कि जब से उन्होंने पशुओं के प्रति क्रूरता पर बात रखनी आरंभ की है, तब से उन्हें सोशल मीडिया पर धमकियां दी जाने लगी हैं. हिंदू समुदाय के कई लोग भी उनके विरुद्ध हैं, क्योंकि वह डेयरी प्रोडक्ट के उपयोग के भी खिलाफ हैं. किन्तु कई ऐसे लोग भी हैं जो उनके समर्थन में हैं.
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