कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 2021 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के खेमे में हलचल बढ़ गई है, क्योंकि ममता बनर्जी ने बीते एक दशक में मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर खासी सक्रियता दिखाई है। अब पश्चिम बंगाल में ओवैसी को बंगाल के सबसे रसूखदार मौलानाओं में से एक अब्बास सिद्दीकी का समर्थन मिल रहा है। जानकारों का कहना है कि 2011 में मुस्लिम वोट बैंक के सहारे ही ममता बनर्जी ने साढ़े 3 दशक से सत्ता पर काबिज वामपंथियों को मात दी थी।
पश्चिम बंगाल के सियासी हलकों में चर्चा है कि असदुद्दीन ओवैसी ने अब्बास सिद्दीकी को 50 सीटें देने का निर्णय लिया है। बता दें कि अब्बास सिद्दीकी हुगली जिले के जंगीपारा में स्थित फुरफुरा दरबार शरीफ के मौलाना हैं। उनका असदुद्दीन ओवैसी को समर्थन देना बंगाल में मुस्लिम वोटों की बड़ी गोलबंदी की तरफ संकेत करता है, जिसका सीधा असर ममता टीम पर पड़ने वाला है। उन्होंने कबूला है कि असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिल कर चुनाव लड़ने के लिए एक सियासी फॉर्मूले पर काम जारी है।
माना जा रहा है कि, अब्बास और ओवैसी अगर साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं, तो ये गठबंधन ममता के साथ भाजपा के लिए भी मुश्किल पैदा कर सकता है। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि बंगाल में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण जमकर आरंभ हो चुका है। इसकी एक बानगी भी पत्रकार अभिजीत मजूमदार द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में देखने को मिली है, जिसमें अब्बास सिद्दीकी बंगाल में मुस्लिमों की जनसंख्या को लेकर दावे कर रहा है। इस वीडियो में वो बंगाली में कहता नज़र आ रहा है कि 'ये बंगाल है और यहाँ मुस्लिमों की आबादी 35% है। हम मुस्लिम यहाँ पर बहुसंख्यक हैं। आदिवासी, मथुआ और दलित हिन्दू नहीं हैं, इसीलिए यहाँ हम मेजोरिटी में हैं।” मजूमदार ने इसके कैप्शन में लिखा है कि यहाँ एक ही रणनीति दिखती है – हिन्दुओं को विभाजित करो, मुस्लिमों को एक करो।
This is Abbas Siddiqui, cleric of Furfura Sharif. He and Owaisi may contest #BengalElections together. He says here: “This is Bengal. We Muslims are 35% here. We are in majority. Because Adivasis, Mathuas, Dalits are not Hindus.”
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) November 27, 2020
Basic message: Divide Hindus, unite Muslims. pic.twitter.com/uVw12uX2l6
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