कोलकाताः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिम बंगाल को लेकर काफी गंभीर हो गया है। संघ की नजरें पूर्वी भारत के इस अहम राज्य में संगठन को विस्तार करने पर है। संघ प्रमुख मोहन भागवत खूद इसमे दिलचस्पी ले रहे हैं। संघ प्रमुख इन दिनों तीन दिन के बंगाल दौरे पर हैं। स यात्रा के दौरान वह बंगाल के प्रमुख लोगों से भी मिलें, जो लंबे समय तक संघ के काम से जुड़े रहे हैं। इस बीच भागवत रविवार को एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू करने की बात कही।
इसके साथ ही राज्य के सीमावर्ती इलाकों में संगठन को मजबूत करने का निर्देश भी दिया। सूत्रों के अनुसार बैठक में बंगाल के चुनिंदा आरएसएस नेता व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच यह चर्चा हुई कि बंगाल में आरएसएस का विस्तार कैसे किया जाए। बैठक में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के सह प्रभारी अरविंद मेनन, केंद्रीय नेता शिव प्रकाश, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और केंद्रीय मंत्री देवश्री चौधरी मौजूद थीं। कहा जा रहा है कि घुसपैठियों पर नजरदारी के लिए सीमावर्ती इलाकों में संगठन को मजबूत करना चाहता है संघ।
खबर यह भी है कि बंगाल में एनआरसी लागू करने से पहले संघ पूरे राज्य में अपनी पैठ बनाना चाहता है। अब तक विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस के एक प्रमुख सहयोगी के तौर पर राज्य में बेहद सक्रिय रहा है। खासकर पुरुलिया, बांकुड़ा और मेदिनीपुर जैसे जिलों में इस संगठन की पकड़ रही है। बीजेपी ने बीते लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। जिससे संघ परिवार को लगता है कि वह ममत सरकार को विधानसभा चुनावों में चुनौती पेश कर सकते हैं।
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